India News (इंडिया न्यूज), UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) के दौरान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या 2025 (Mauni Amavasya) पर मची भगदड़ से जुड़े मामले में UP की योगी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगदड़ और जांच और वैज्ञानिकों से पूछताछ को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने नामांकन पत्रों को अनुचित माना है।
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कोर्ट ने आज सुनाया अपना फैसला
बता दें कि 17 मार्च को पूरी घटना घटित होने के बाद मुख्य न्यायाधीश अरुण अंबानी और न्यायमूर्ति क्षितिज हिल्स की खंडपीठ ने पूरी जांच के लिए मंगलवार 17 मार्च को अपना फैसला सुनाने का फैसला किया था। महाकुंभ में मची भगदड़ के साथ ही मठों में कमियों का पता लगाने के लिए मठों से विद्वानों को बुलाने की मांग की गई थी। अंतिम संस्कार समाजसेवी केशर सिंह, अनमोल कुमार पांडेय और कमलेश सिंह ने कराया।
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जानें, क्या कहा कोर्ट ने
जनहित याचिका में मस्जिदों की वर्षगांठ के संबंध में आवश्यक दस्तावेजों की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विजय चंद्रमित्र और नोनी शर्मा ने कोर्ट में बहस की। उन्होंने महाकुंभ के शिलान्यास, शस्त्रागार और गंगा जल के संबंध में भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा। महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर राज्य सरकार ने तीन वास्तु जांच आयोग गठित किए हैं। आयोग में पूर्व जांच आयोग के सदस्य डीके सिंह और पूर्व न्यायाधीश वीके गुप्ता शामिल हैं।