उद्योग जगत के नेताओं के अनुसार
उद्योग जगत के नेताओं के अनुसार, इस भव्य मेले में वस्तुओं और सेवाओं के माध्यम से 3 लाख करोड़ रुपये (लगभग 360 अरब डॉलर) से अधिक का कारोबार होने की उम्मीद है, जिससे महाकुंभ देश के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में से एक बन जाएगा। महाकुंभ के कारण उत्तर प्रदेश समृद्ध हुआ अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) के महासचिव और भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि महाकुंभ शुरू होने से पहले शुरुआती अनुमानों में 40 करोड़ लोगों के आने और लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के व्यापारिक लेन-देन का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, देश-विदेश से मिले बेहतरीन रिस्पॉन्स की वजह से दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया, जिससे 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ।
मौसमी तौर पर कमजोर यात्रा अवधि में मार्च तिमाही में हवाई किराए में भी उछाल आया। यह उछाल महाकुंभ के लिए प्रयागराज की उड़ानों पर केंद्रित था। आतिथ्य और आवास, खाद्य और पेय क्षेत्र, परिवहन और रसद, धार्मिक पोशाक, पूजा और हस्तशिल्प, कपड़ा और परिधान और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं सहित कई व्यावसायिक क्षेत्रों में भारी आर्थिक गतिविधि देखी गई।
अर्थव्यवस्था मजबूत हुई
इस दौरान प्रयागराज ही नहीं बल्कि 100-150 किलोमीटर के दायरे में आने वाले शहरों और कस्बों में भी कारोबार में जबरदस्त उछाल आया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए 7,500 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए।
राज्य सरकार के अनुसार, 14 नए फ्लाईओवर, छह अंडरपास, 200 से अधिक चौड़ी सड़कें, नए कॉरिडोर, विस्तारित रेलवे स्टेशन और एक आधुनिक एयरपोर्ट टर्मिनल बनाने पर 7,500 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसके अलावा, कुंभ मेले की व्यवस्थाओं के लिए 1,500 करोड़ रुपये विशेष रूप से निर्धारित किए गए।