India News (इंडिया न्यूज), Mauni Amavasya 2025: प्रयागराज में इन दिनों चारों तरफ महाकुंभ की रौनक दिखाई दे रही है। हर रोज लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा रहे हैं। पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पह हुआ था। अब दूसरा अमृत स्नान की तैयारियां जोरों पर चल रही है। जोकि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होगी।

इंस्टाग्राम पर ‘लड़की’ बनकर बनाया फेक आईडी, फिर दोस्ती की आड़ में कर डाला ये कांड

जानें, मौनी अमावस्या का महत्व

ज्योतिष के अनुसार, सनातन धर्म के लिए ये दिन काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन लोग मौन व्रत रखकर अपने पितरों का तर्पण करते हैं। कहते हैं कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद मिलता है। मान्यता है कि मौन व्रत रखने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है और जीवन में खुशियां आती हैं। इस दिन पितरों को तर्पण और दान देने से ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है।

जानें, कब है मौनी अमावस्या?

पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या 28 जनवरी को शाम 7:32 बजे से शुरू होगा और 29 जनवरी को शाम 6:05 बजे समाप्त होगा। 29 जनवरी को अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:18 बजे तक रहेगा। इसके बाद संध्या का समय सुबह 5:51 बजे से शाम 7:11 बजे तक रहेगा। इस दौरान श्रद्धालु गंगा स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

महाकुंभ में वायरल हो रहे बाबा, दिन भर में इतनी लीटर पी जाते हैं चाय, 12 सालों नही खाया अनाज!

जानें, क्यों खास है अमावस्या?

29 जनवरी को देशभर में मौनी अमावस्या त्योहार बनाया जाएगा। मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान होने वाला है। मौनी अमावस्या और दूसरा अमृत स्नान महाकुंभ का सबसे खास और महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन पितृ तर्पण और दान का महत्व बहुत बढ़ जाता है। इस दिन बनने वाले संयोग और भी खास हो जाते हैं। इस बार मौनी अमावस्या पर मकर राशि में चंद्रमा, बुध और सूर्य त्रिवेणी योग बना रहे हैं। यह एक दुर्लभ संयोग है।