India News UP (इंडिया न्यूज़), Meerut Building Collapse News: मेरठ के एक घर में हुए हादसे के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिसके बाद उस घर में मरे लोगों के परिवार वालों को प्रशासन के तरफ से 4 लाख रूपए दिए जाएंगे। अब उस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।
मेरठ के एक घर में हुए हादसे के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसका खुलासा एक डॉक्टर ने किया है। हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम मेरठ। वे इस घटना से बेहद दुखी नजर आ रहे हैं, लेकिन कहते हैं कि काश हमारी बात मान ली गई होती तो दस लोगों की मौत नहीं होती। डॉ हरपाल सिंह ने कहा कि नगर निकाय ने डेयरी फार्म को स्थानांतरित करने के लिए छह महीने पहले एक अधिसूचना जारी की थी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि घर की स्थिति असंतोषजनक है, यह जर्जर हालत में है और कभी भी दुर्घटना हो सकती है, लेकिन इस नोटिस और चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया गया।
मेरठ नगर निगम के प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हरपाल सिंह ने भी कहा कि नगर निगम की एक टीम एक सप्ताह पहले बारिश होने का हवाला देकर मकान खाली कराने आई थी ताकि कोई दुर्घटना न हो। डेयरी फार्म ले जाते समय मैंने नफीसा उर्फ नफ्फो बीबी से भी बात की थी और कहा था कि मकान नीचे से कमजोर है और हादसा हो सकता है, मान जाओ बीबी, इसे साफ कर दो और डेयरी फार्म को दूसरी जगह ले जाओ।
तब नगर प्रशासन ने बताया कि एक-दो दिन में बस को खाली करा लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डॉ। हरपाल सिंह ने कहा कि सबमर्सिबल पंपों ने पानी का अत्यधिक दोहन किया और परिणामस्वरूप कई जर्जर मकान बुरी हालत में गिर गए और यहां भी ऐसा ही हुआ क्योंकि नीचे डेयरी फार्म था और ऊपर बकरी पालन का काम किया जा रहा था। इससे दीवारों और बीमों में पानी घुस गया।
जाकिरा कॉलोनी वार्ड 86 का हिस्सा है और इकराम बालियान यहां के सलाहकार हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ। हरपाल सिंह ने कहा कि सलाहकार भी खुद को समझाने गए थे, लेकिन उनकी बातें भी अनसुनी कर दी गईं। जब हमने पार्षद इकराम बालियान से बात की तो उन्होंने कहा कि मैंने खुद कहा था कि मकान जर्जर है। आप इसे साफ़ करने और इसकी मरम्मत करने के लिए मौत को क्यों आमंत्रित कर रहे हैं? सलाहकार ने बताया कि नफीसा बीबी ने कहा था भाई मैं जल्द ही घर की सफाई कर दूंगी और इसकी मरम्मत कर दूंगी, चिंता मत करो, लेकिन वह कल आई ही नहीं और जब आई तो मौत बनकर आई और 10 जिंदगियां दफन हो गईं। ज़मीन पर।” वही टूटा-फूटा घर।
मेरठ घटना के बाद मेरठ नगर निगम और अधिक सतर्क हो गया है और डेयरी इकाइयों के खिलाफ अभियान चलाएगा। प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डी हरपाल सिंह का कहना है कि कई स्थानों पर जर्जर मकानों में अवैध डेयरी फार्म संचालित हो रहे हैं। हम लगभग 850 डेयरियों को फिर से सूचित करेंगे और सभी स्वास्थ्य निरीक्षकों पर सख्त कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि जर्जर मकानों के मामले में एमडीए को हस्तक्षेप करना चाहिए, लेकिन अब हम डेयरियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू कर रहे हैं और अगर वे नहीं माने तो भैंसों को भी जब्त कर लेंगे।
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