India News UP (इंडिया न्यूज़), Milkipur Assembly Seat: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को उपचुनाव के लिए मतदान होने हैं। यह उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। बीजेपी ने मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार के लिए पार्टी के सात मंत्रियों और 40 विधायकों को मैदान में उतार दिया है। इन नेताओं के साथ-साथ बीजेपी को समर्थन देने के लिए समाजवादी पार्टी के बागी विधायक अभय सिंह भी प्रचार में जुटे हुए हैं।
सपा का बागी विधायक भी बीजेपी के प्रचार में
अभय सिंह, जो गोसाईगंज विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं, एक वक्त अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में गिने जाते थे। अब वे बीजेपी के लिए मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रचार कर रहे हैं। उनका इस चुनाव में बीजेपी के पक्ष में प्रचार करना सपा के लिए एक बड़ा झटका है। इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी ने इस उपचुनाव में हर मोर्चे पर खुद को मजबूत बनाने की पूरी कोशिश की है, चाहे वह सत्ता के मंत्रियों की फौज हो या विपक्षी दल के नेताओं का समर्थन।
योगी आदित्यनाथ के लिए नाक का सवाल
मिल्कीपुर उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए नाक का सवाल बन चुका है। लोकसभा चुनावों में बीजेपी की हार के बाद पार्टी के लिए यह सीट जीतना जरूरी हो गया है। बीजेपी इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रही है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मिल्कीपुर में जीत की आवश्यकता है। इसी वजह से, बीजेपी ने गोरखनाथ बाबा के स्थान पर चंद्रभानु पासवान को उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है। इस बदलाव से पार्टी ने नए चेहरों को मौका देने और चुनावी रणनीति में बदलाव की ओर संकेत किया है।
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