(इंडिया न्यूज़,Mulayam Singh Yadav survived 33 years ago, when 9 bullets were fired): उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव आज सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में अंतिम सांस लीं। 82 साल के उम्र में उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है मुलायम सिंह यादव को यूरिन संक्रमण, ब्लड प्रेशर की समस्या और सांस लेने में तकलीफ के चलते कुछ दिन पहले मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीते कई दिनों से उनकी तबीयत लगातार नाजुक बनी रही।
आज मुलायम सिंह यादव इस दुनिया से अलविदा कह गए।

33 साल पहले समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव पर एक जानलेवा हमला हुआ था। ऐसा माना जाता है कि ये हमला कांग्रेस पार्टी के इशारे पर किया गया था। लेकिन ये कितना सच है आपको बताते है?

साल 8 मार्च 1984 में एक हिंदी के दैनिक अखबार जनसत्ता में छपी खबर में लिखा गया था। 4 मार्च को लोकतांत्रिक मोर्चा के उत्तर-प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष और विधान-परिषद् में विपक्ष के नेता मुलायम सिंह यादव पर जानलेवा हमला किया गया
वह 2 मार्च के बाद से इटावा जिले के दौरे पर हैं और सार्वजनिक बैठकों में भाग ले रहे हैं। 4 मार्च को 5 बजे के आस-पास उन्होंने इटावा और मैनपुरी के बॉर्डर पर स्थित झींगपुर गांव में लोगों को संबोधित करने के बाद वो माहीखेड़ा गांव में अपने एक दोस्त से मिलने गए थे। मैनपुरी से वो लगभग 9.30 बजे निकले और मुश्किल से 1 किलोमीटर दूर तक ही चले होंगे उन्हें अपनी गाड़ी के आगे गोलियों की आवाज़ सुनाई देने लगी।

ड्राइवर ने देखा कि आगे चल रहे दो बाइक सवार गाड़ी के सामने कूद पड़े और फायरिंग शुरु कर दी। मुलायम सिंह के साथ चल रहे पुलिसवालों ने जवाबी फायरिंग की। हमलावरों और पुलिसकर्मियों के बीच ये फायरिंग करीब आधे धंटे तक चली। हमलावरों के तरफ से गोलीबारी बंद होने के बाद सुरक्षाकर्मी मुलायम सिंह को एक जीप में 5 किलोमीटर दूर कुर्रा पुलिस स्टेशन तक लेकर गए।

गोली लगने से छोटेलाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। वो एक प्राइमरी स्कूल टीचर था और मुलायम सिंह के साथ ही चल रहा था। नेत्रपाल को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुलायम सिंह की कार पर 9 गोलियों के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। सभी गोलियां गाड़ी के उसे हिस्से में चलाई गई थी जिधर नेता जी अक्सर बैठते हैं।

इस हमले पर मुलायम सिंह यादव ने किसी का नाम लिए बिना कहा था कि,’ये उनकी हत्या करने की सोची-समझी साजिश थी और उन्हें भगवान ने ही बचाया है। मुझे कुछ दिन पहले बताया गया था कि मुझ पर जानलेवा हमला हो सकता है। लेकिन मैंने उसपर ध्यान नहीं दिया था।’

उस समय, लोकदल इटावा ईकाई के अध्यक्ष महाराज सिंह यादव ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री बलराम सिंह यादव के समर्थकों पर हमले का आरोप लगाया। महाराज सिंह ने ये भी कहा कि अब कांग्रेस पार्टी अपराधियों के जरिए राजनीति करना चाहती है.