India News (इंडिया न्यूज), Maha Kumbh 2025: इस बार महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का ख्याल रखने के लिए बेहद हाईटेक इंतजाम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप स्वस्थ महाकुंभ और डिजिटल महाकुंभ के सपने को साकार करने के लिए इस बार कई क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी क्रम में मेला क्षेत्र में बन रहे अस्पतालों के आईसीयू में भी पहली बार हाईटेक एआई मैसेजिंग फ्लो सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एआई मैसेजिंग फ्लो सिस्टम देश या विदेश के किसी भी कोने से आने वाले मरीज की बात समझकर डॉक्टर को समझा सकेगा।

इतना ही नहीं आईसीयू में भर्ती किसी भी मरीज की हालत बिगड़ने पर यह तुरंत डॉक्टरों को अलर्ट भेजकर चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने की सुविधा प्रदान करेगा। महाकुंभ में पहली बार इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सीएम योगी के डिजिटल और स्वस्थ महाकुम्भ के विजन के अनुरूप है।

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डॉक्टर और मरीज के बीच मध्यस्थता का रोल निभाएगा

महाकुंभ में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर मेला क्षेत्र में युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। श्रद्धालुओं और साधु-संतों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 100 बेड के केंद्रीय अस्पताल के साथ ही झूंसी और अरैल समेत पूरे मेला क्षेत्र में 10 और अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में बड़े पैमाने पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप महाकुंभ के जरिए विश्व पटल पर उत्तर प्रदेश की छवि को आदर्श तरीके से पेश करने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में पहली बार श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। अस्पताल के आईसीयू में इसका प्रयोग अहम होगा, जो मरीजों और डॉक्टरों के बीच मध्यस्थ का काम करेगा।

40 से अधिक भाषाओं का कर सकेगा अनुवाद

महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा प्रतिष्ठान डॉ. गौरव दुबे ने बताया कि महाकुंभ नगर स्थित केंद्रीय चिकित्सालय के 10 बेड वाले आईसीयू में श्रद्धालुओं को यह सुविधा मिलेगी। यहां भर्ती मरीज के सिरहाने एक विशेष माइक लगाया जा रहा है, जो हाईटेक एआई तकनीक से लैस होगा। यह पलक झपकते ही 22 क्षेत्रीय और 19 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं का हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद कर देगा। इससे डॉक्टरों और मरीजों के बीच भाषाई अंतर खत्म होगा और समुचित उपचार सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।

एआई इनेबल्ड कैमरे से रखी जाएगी नजर

उन्होंने बताया कि इसके अलावा पूरे आईसीयू में एआई युक्त कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे मरीजों की स्थिति पर नजर रखेंगे। इनके जरिए तीन वरिष्ठ विशेषज्ञों की टीम आईसीयू की निगरानी कर सकेगी। इतना ही नहीं, यह कैमरा मरीज की स्थिति का आकलन कर यह भी पढ़ सकेगा कि उसे डॉक्टर से तत्काल मदद की जरूरत है या नहीं। यह स्थिति पढ़ने के बाद यह तुरंत सक्रिय होकर संदेश जनरेट करेगा, जो सीधे टीम लीडर के पास पहुंचेगा। इसके बाद मरीज को चंद सेकेंड में ही चिकित्सकीय मदद मिल सकेगी।

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