India News (इंडिया न्यूज़),Pilibhit News: पीलीभीत के पूरनपुर में सोमवार को भयंकर मुठभेड़ हुई। ऐसे में मुठभेड़ के बाद फिर खालिस्तानी आतंकवाद का कनेक्शन सामने आया है। दहशत का माहौल भी बन गया है। 90 के दशक में तराई के जिले पीलीभीत से लेकर लखीमपुर खीरी तक खालिस्तानियों का साया था। खालिस्तान आतंकियों के खौफ की कहानी पीलीभीत में अभी भी गूंज रही है । कही चौराहों को सारे राह खून से लगा दिया था। कहीं किसी के घर में घुस के पूरे परिवार को लूट पाट का शिकार बनाया।
काफ़ी पुराना है पीलीभीत का खलिस्तान कनेक्शन
पीलीभीत का खलिस्तान कनेक्शन काफ़ी पुराना है और समय था 1992 जब पीलीभीत के वस्ततम चौराहों में से एक नकटा चौराहे से खलिस्तानी आतंकी एक गाड़ी से गुज़र रहे थे । चौराहे से चंद कदमों की दूरी पर SP आवास भी है कुछ पुलिस कर्मियों ने खलिस्तानी आतंकियों की गाड़ी को लिफ्ट माँगने के लिये हाँथ दिया, लेकिन आतंकियों को लगा कि उन्हें रोका जा रहा है। बस इतने में आतंकियों ने ताबड़ तोड़ फ़ायरिंग शुरू कर दी और वहां से भाग निकले। चौराहे पर मौजूद मोहम्मद अरशद वहीं मौजूद थे। उन्होंने पूरी कहानी बायां की और बताया कि कैसा ख़ौफ़ था?
मोहम्मद अरशद ने बताई घटना की कहानी
जिस वक्त ये घटना हुई मोहम्मद अरशद वहीं मौजूद थे। उन्होने खलिस्तानी आतंकियों के बारे में बताया कि, वक्त अचानक आतंकवादियों ने गोलियों से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। वही कुछ दूरी पर रफ़ीक भी मौजूद थे जो अपने घर जा रहे थे। ऐसे में खलिस्तानी आतंकियों की अंधा धुँध फ़ायरिंग में रफ़ीक के कंधे पर गोली लगी थी। जिसके चलते ही 1992 में खलिस्तानी आतंकियों के ख़ौफ़ की कहानी आज इतने सालों बाद भी रफ़ीक के मन में याद बन के जिंदा है।
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