India News (इंडिया न्यूज़),Pilibhit News: पूरनपुर क्षेत्र में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मामले की गंभीरता से जांच कर रही हैं। पुलिस ने तीनों आतंकियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है, जिसमें उन पर पुलिस टीम पर जानलेवा हमला करने और फायरिंग करने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले की विवेचना बीसलपुर कोतवाली के इंस्पेक्टर संजीव शुक्ला को सौंप दी है, और आतंकियों के पूरनपुर में शरण लेने के उद्देश्य का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
एटीएस और एनआईए की टीम क्षेत्र में तैनात
एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) और एनआईए (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) की टीम भी इस समय क्षेत्र में तैनात है, और वे यह जांचने की कोशिश कर रहे हैं कि आतंकवादी पूरनपुर क्यों आए थे, वे किससे जुड़े थे, और उनके उद्देश्य क्या थे। क्षेत्र में आतंकियों की आवाजाही के बाद लोगों में दोबारा आतंकवाद के 90 के दशक के दौर की चर्चा शुरू हो गई है। लोग इस बारे में आपस में बात कर रहे हैं कि क्या आतंकवादी क्षेत्र में कोई बड़ी घटना की योजना बना रहे थे।
क्या है पीलीभीत से आतंकवादियों का नाता
इस घटना के बाद स्थानीय लोग खासकर बुजुर्गों से सुनी गई आतंकवाद की पुरानी कहानियां दोबारा सुन रहे हैं। कई लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या आतंकियों ने यहां शरण क्यों ली और इस बारे में गहन जांच होनी चाहिए। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि आतंकियों को शरण देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, खुफिया एजेंसियों की भूमिका और उनकी तत्परता को लेकर भी चर्चा हो रही है, जिससे सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।