India News,(इंडिया न्यूज), Nikita Sareen, Ram Mandir: जनवरी में संभावित राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य बनाने की तैयारी है। विश्व हिंदू परिषद ने योजना बनाई है कि प्राण प्रतिष्ठा पर 40 दिनों तक लगातार उत्सव मनेंगे। हर गांव में दीपावली मनाई जाएगी। अयोध्या की तरह ही दीयों और बिजली की झालरों से पूरे गांव को सजाया जाएगा। गांव के हर मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा।
विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को घर-घर तक पहुंचाने के लिए छह शौर्य यात्राएं निकालने की तैयारी की हैं। दो यात्राएं शुरू हो चुकी हैं और बाकी चार यात्राएं 30 सितंबर से शुरू होंगी। इन यात्राओं के जरिए घर-घर तक पहुंच कर राम मय किया जाएगा। यात्राओं में दो रथ और 100 से ज्यादा वाहन होंगे। रथों से छत्रपति शिवाजी, राणा प्रताप के साथ आजादी के नायकों की तस्वीरें भी होंगी। दस अक्टूबर को एक बड़ा आयोजन वाराणसी में होगा।
राम मंदिर के प्रांण प्रतिष्ठा समारोह में मंदिर परिसर के भीतर करीब आठ हजार वीवीआईपी को आमंत्रित किया गया है। मंदिर ट्रस्ट, मंदिर आंदोलन से जुड़े व अन्य वीआईपी की सूची 25 हजार लोगों की तैयार कर रहा है जो उसी दिन राम लला की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका का दर्शन कर सकेंगे। मंदिर आंदोलन के भागीदारों व समर्पण राशि के सहयोगी 5 लाख गांवों के राम भक्तों को राम लला का दर्शन करवाने के लिए 40 दिनों का कार्यक्रम तैयार करने पर सहमति बनी है। यही नहीं बाकी श्रद्धालुओं को राम लला का दर्शन सुलभ करवाने के लिए रामलला दर्शन कार्यक्रम चलेगा। जिसमे रोजाना प्रांत के चार्ट के क्रमानुसार 25 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए बुलाया जाएगा। जिनके ठहरने व भोजन की व्यवस्था संगठन व मंदिर ट्रस्ट करेगा। इस दर्शन कार्यक्रम में साधु संतो को मठ मंदिरों में ठहराया जाएगा।
राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम देश के 2 लाख गांवों मे पहुंचाने की तैयारी है। इनमें एक गांव में जितने मंदिर हैं सभी मे इसका उत्सव मनेगा। इसके लिए संघ परिवार की टीम तैयारी में जुटेगी। सभी गांवों मे टीवी व एलईडी पर प्राण प्रतिष्ठा का लाइव कार्यक्रम दिखाया जाएगा। उसके बाद मंदिरो में पूजन व अनुष्ठान होंगें। सभी को प्रसाद वितरित किया जाएगा।
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में धार्मिक पूजा वैदिक अनुष्ठान आदि कार्यक्रमो को विधि विधान से संपन्न करवाने के लिए कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य ने काशी के विद्धान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को अयोध्या भेजा जो इसके लिए गंभीरता से संपर्क कर कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं। वही कर्मकांड के विशेषज्ञ काशी के विद्धान लक्ष्मी कांत भी अपनी टीम के साथ आए हैं। जो कार्यक्रम को धार्मिक विधि विधान के मुताबिक अंतिम रूप देने का काम कर रहे हैं।
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