India News(इंडिया न्यूज़), Mahakumbh 2025: दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक-सांस्कृतिक समागम ‘प्रयागराज महाकुंभ’ के औपचारिक उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज को ₹7000 करोड़ से अधिक की सौगात देने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री का प्रयागराज दौरा 13 दिसंबर को प्रस्तावित है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री पवित्र त्रिवेणी संगम का पूजन करेंगे और नवनिर्मित भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे।
शनिवार को प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 दिसंबर के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 के कुंभ में राज्य सरकार ने अपने कोष से 2406.65 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस भव्य आयोजन के प्रबंधन की पूरी दुनिया में प्रशंसा हुई थी। श्रद्धालुओं की सुविधा और सनातन गर्व महाकुंभ के महत्व को देखते हुए इस बार इसका और विस्तार किया गया है। इस वर्ष महाकुंभ के लिए राज्य सरकार ने 5496.48 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, जबकि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 2100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त सहयोग दिया है। बजट की कोई कमी नहीं है, इसलिए व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महाकुंभ में विभिन्न राज्यों से अपने शिविर लगाने के अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं, इस संबंध में तत्काल उचित निर्णय लिया जाए। इसी प्रकार, महाकुंभ के दौरान दिवंगत होने वाले साधु-संतों के समाधि स्थल के लिए प्रयागराज में भूमि आरक्षित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के कुंभ में कुल 5,721 संगठनों का सहयोग लिया गया था, जबकि महाकुंभ में लगभग 10 हजार संगठन एक ही उद्देश्य से कार्य कर रहे हैं। 4000 हेक्टेयर में फैले 25 सेक्टरों में विभाजित महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। 12 किमी लम्बे घाट, 1850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 किमी चैकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेंट के साथ ही 25 हजार से अधिक सार्वजनिक आवासों की व्यवस्था की जा रही है।
पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के विशेष स्नान पर्वों पर सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कृतसंकल्पित है कि महाकुंभ के दौरान प्रत्येक श्रद्धालु को अविरल एवं निर्मल गंगा में स्नान की सुविधा मिले। नदी में शून्य उत्सर्जन सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सूबेदारगंज पुल, हनुमान मंदिर (फेज-1), सभी चिह्नित 16 क्रिटिकल सड़कें, रिवर फ्रंट रोड, फाफामऊ-सहसो रोड, सभी 04 थीम आधारित गेट, 84 पिलर, मनकामेश्वर मंदिर और अलोपशंकरी मंदिर से संबंधित कार्य हर हाल में 10 दिसंबर तक पूरे कर लिए जाएं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि समयसीमा के दबाव में काम की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
रेलवे के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक काशी और अयोध्या धाम भी जाएंगे। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों के चित्रकूट की ओर जाने की भी संभावना है। ऐसे में इन पवित्र स्थलों को जोड़ने वाली ट्रेनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
महाकुंभ से जुड़ी तैयारियों की डेडलाइन तय करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 10 दिसंबर तक सभी काम पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ दुनिया को सनातन भारतीय संस्कृति से परिचित कराने का बेहतरीन अवसर है। यह स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक भी होगा। सीएम योगी ने निर्देश दिए कि महाकुंभ के मद्देनजर 7000 से ज्यादा बसें लगाई जाएंगी। यहां डेढ़ लाख से ज्यादा शौचालय लगाए जाएंगे। स्वच्छता पर जोर देते हुए सीएम ने निर्देश दिए कि 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती कर यहां सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।
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