अजय त्रिवेदी
इंडिया न्यूज, लखनऊ:
सब कुछ निजी हाथों में सौंपने की केंद्र सरकार की नई योजना मौद्रकीकरण का सबसे बड़ा नुकसान उत्तर प्रदेश को होने जा रहा है, जहां सड़कों, हवाई अड्डों, खेल के मैदानों से लेकर रेलवे स्टेशन और बिजली घरों को भी बेचने की तैयारी की जा रही है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव और राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में कहा कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने 20 विभागों की सरकारी संपत्तियों को निजी घरानों को देने का ऐलान किया है, जिनमें से छह विभागों की बड़ी संपत्तियां तो अकेले उत्तर प्रदेश में है। निजीकरण की इस योजना का सबसे बड़ा घाटा उत्तर प्रदेश को उठाना पड़ेगा, जहां आठ राष्ट्रीय राजमार्ग, कई खेल के मैदान, रेलवे स्टेशन और बिजली घरों की बिक्री की जानी है। उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति को अपने पसंदीदा उद्यमियों के हवाले करने पर अमादा इस सरकार ने लालबहादुर शास्त्री एयरपोर्ट वाराणसी की कीमत महज 500 करोड़ रुपए लगाई है। साथ ही स्पोर्ट्स अथॉरिटी आॅफ इंडिया का भी निजीकरण किया जा रहा है, जिसका बड़ा सेंटर लखनऊ में भी है। आगरा भाइपास, भरतपुर, प्रयागराज से वाराणसी जैसे कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग निजीकरण की सूची में रखे गए हैं। माकन ने सवाल उठाया कि यह बेची जाने वाली जमीनें राज्य सरकार ने अधिग्रहण कर केंद्र सरकार को दिया है, तो क्या इसकी बिक्री से पहले राज्य सरकार से पूछा गया?
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