इंडिया न्यूज, लखनऊ:
railway Passengers struggled कोरोना काल में ट्रेनों की कम संख्या और नियमों के कारण हजारों यात्रियों को संघर्ष करना पड़ा। फेस्टिवल पर यात्रा करना तमाम यात्रियों के लिए सजा बन गया। बिना कन्फर्म टिकट के यात्रा की और जुर्माना अदा किया। मुंबई सहित कई महानगरों की ओर जाने वाले प्रवासी श्रमिकों को मजबूरी में बिना टिकट यात्रा करना पड़ रहा है।
हालात यह है कि हर महीने लगभग 65 हजार यात्रियों को कंफर्म सीट नहीं मिल पा रही है। प्रतिदिन करीब दो हजार से अधिक यात्री बिना सीट के सफर कर रहे हैं। उनको चलती ट्रेन में जुमार्ना भरना पड़ रहा है। पिछले छह महीने में पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने ट्रेनों में छापेमारी कर 3.61 लाख यात्रियों को बिना टिकट सफर करते हुए पकड़ा है। इनमें 22.40 करोड़ रुपये जुमार्ना वसूला गया है।
railway Passengers struggled प्रवासी श्रमिकों का बड़ी संख्या में होता है आवागमन
दरअसल पूर्वांचल के कई जिलों से प्रवासी श्रमिक मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा, हिसार, गुरुग्राम, दिल्ली, पंजाब के कई शहरों की ओर जाते हैं। कोरोना के कारण रेलवे ने जनरल टिकटों की बिक्री बंद कर दी है। उसकी जगह सेकेंड सीटिंग क्लास का रिजर्वेशन किया जा रहा है। वहीं स्लीपर क्लास और एसी में वेटिंग लिस्ट के टिकट रेलवे जारी कर रहा है।
इस साल अप्रैल में हुए पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में प्रवासी यूपी आए थे। चुनाव बाद उनकी वापसी मुश्किल हो रही है। मुंबई में सक्रिय दलाल टिकट बनाकर भेज रहे हैं। करीब सत्तर प्रतिशत टिकट आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर बन रहे हैं।
ऐसे में लखनऊ व अन्य स्टेशनों से ट्रेनों को पकड़ने के लिए प्रवासी दूरदराज के ग्रामीण अंचलों से घंटों पहले चल देते हैं। गोरखपुर से चलने वाली ट्रेनों में सीवान व बिहार के अन्य जिलों के रेलयात्री भी पहुंचते हैं। रेल आरक्षण का चार्ट ट्रेन छूटने के चार घंटे पहले बनता है। ऐसे में स्टेशन आ रहे प्रवासी श्रमिकों के सामने बीच रास्ते वापस लौटना आसान नहीं होता है। स्टेशन आने के बाद वेटिंग लिस्ट में रहने के कारण आइआरसीटीसी की वेबसाइट से बने टिकट स्वत: निरस्त हो जाते हैं। यात्री जनरल टिकट न मिलने पर बिना टिकट सफर कर रहे हैं।
railway Passengers struggled नियम तोड़ने वालों पर की रेलवे ने कार्रवाई
पूर्वोत्तर रेलवे के टिकट चेकिंग दस्ते ने इस साल एक मई से 30 अक्टूबर तक 3.61 लाख बेटिकट यात्रियों को पकड़ा है। इसके अलावा 2470 बिना मास्क पहने और 1058 यात्री गंदगी फैलाते पकड़े गए हैं। पिछले साल इसी अवधि में 6313 बेटिकट यात्री पकड़े गए थे। जिनसे रेलवे ने 62 लाख रुपये जुमार्ना वसूला है।