गाजियाबाद(Ghaziabad)। जिले के डासना जेल से लापरवाही की एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह से गलत कैदी को जेल से रिहा कर दिया गया है। मामले सामने आने के बाद जेल प्रशासन की काफी किरकिरी हो रही है।
दरअसल, हापुड़ कोर्ट ने बाबू नाम के कैदी को जेल से रिहा करने के आदेश दिया, लेकिन लापरवाही की वजह से जेलर ने गलत कैदी ताराचंद को रिहा कर दिया। जब इसकी जानकारी जिला प्रशासन तक पहुंची तो जेलर समेत जेल के अधिकारियों की काफी किरकिरी हुई। अब स्थानीय प्रशासन की ओर से मामला दर्ज कर रिहा हुए कैदी ताराचंद की तलाश की जा रही है।
रिहाई के वक्त नहीं किया आधार कार्ड से मिलान
कैदी के रिहाई के दौरान जेल प्रशासन की ओर से अपने रिकॉर्ड के साथ कैदी के आधार कार्ड का मिलान किया जाता है। बताया गया है कि इस दौरान बाबू के रिहाई के आदेश के साथ उसका आधार कार्ड भी भेजा गया था, इसके बावजूद जेल प्रशासन ने गलती कर दी। अब दोबारा से रिहा कैदी को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
बिजली चोरी के आरोप में बंद थे दोनों कैदी
गौरतलब है कि दोनों कैदियों पर बिजली चोरी करने का आरोप था। बंदी बाबू,पुत्र छेम सिंह को बीते साल दिसंबर माह से जेल में बंद था। 11 जनवरी को मामले की सुनवाई के बाद हापुड़ कोर्ट ने बाबू को रिहा करने का आदेश दिया। लेकिन जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह से रिहाई बाबू को नही, ताराचंद पुत्र भूप राम को मिल गया।