India News (इंडिया न्यूज़),Sambhal jama masjid: संभल हिंसा की घटना ने राज्य प्रशासन और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एफआईआर के मुताबिक, यह हिंसा पूरी तरह से एक रची गई साजिश का हिस्सा थी, जिसमें भीड़ ने पुलिस बल और सरकारी संपत्ति को जानबूझकर निशाना बनाया। भीड़ ने सुबह 8:45 बजे से जामा मस्जिद के पास जुटना शुरू कर दिया था। करीब 800-900 लोगों ने नारेबाजी करते हुए पत्थरबाजी शुरू की। दोपहर 12:35 बजे भीड़ ने नखासा चौक के CCTV कैमरों को तोड़कर पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया, जिससे उनकी पहचान न हो सके। हमलावरों ने पुलिसकर्मियों को घेरकर उनकी जान लेने की नीयत से फायरिंग की थी।
सब-इंस्पेक्टर की पिस्टल छीनने की कोशिश की गई। जब यह असफल रहा, तो उसकी मैगजीन लूट ली गई। वही पुलिस के आंसू गैस के गोले भीड़ द्वारा लूट लिए गए। एफआईआर के अनुसार, भीड़ के बीच से कुछ लोग चिल्लाकर पुलिसकर्मियों पर हमला करने और उनके हथियार छीनने का आदेश दे रहे थे। भीड़ का मुख्य उद्देश्य मस्जिद में चल रहे सर्वे को रोकना था।
पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले किया गया
हिंसक भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। सरकारी संपत्ति और हथियारों को निशाना बनाया गया। हमले में दर्जनभर से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। सर्वे टीम मस्जिद में फंसी हुई थी और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा।
हिंसा के लिए नामजद आरोपियों में ये सभी शामिल
हिंसा के लिए नामजद आरोपियों में गुलबदीन, सुल्तान, हसन, मुन्ना पुत्र जब्बार, फैजान, और समद जैसे नाम शामिल हैं। 150-200 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। इलाके में भारी पुलिस बल, पीएसी, और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की गई है। 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और संदिग्धों की तलाश जारी है। घटनास्थल पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हिंसा प्रभावित इलाकों में छापेमारी की जा रही है। शहर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
साजिश रचने वालों की पहचान के लिए गठित की गई विशेष टीम
पुलिस हर दो घंटे में रिपोर्ट तैयार कर डीजीपी मुख्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज रही है। उपद्रवियों और हिंसा की साजिश रचने वालों की पहचान के लिए विशेष टीम गठित की गई है। फिलहाल, संभल में शांति बहाल हो चुकी है, लेकिन हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। यह घटना प्रशासन की चुनौतीपूर्ण स्थिति को उजागर करती है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं।