India News (इंडिया न्यूज़),Sambhal Jama Masjid News: संभल जिले की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण एक संवेदनशील मामला है, जिसमें दोनों पक्षों की सहमति और अदालत के निर्देशों के तहत काम किया जा रहा है। मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह एक पुराने मंदिर, जिसे हरिहर मंदिर कहा जा रहा है, इसे तोड़कर बनाई गई थी। इसके आधार पर अदालत में याचिका दायर की गई थी, जिसके चलते मस्जिद का फिर से आज सर्वेक्षण किया जा रहा है। वही जब से ही सर्वे शुरू हुआ है यहां के हालात बेकाबू हो चुके है। संभल जिले की शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान रविवार (24 नवंबर) को हुई हिंसा ने स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है। सुबह सर्वे शुरू होते ही, मस्जिद की ओर भीड़ जुटने लगी, और विवाद ने पथराव और फायरिंग का रूप ले लिया।
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सुबह 9 बजे मस्जिद के पास भीड़ हुई जमा
सुबह 9 बजे मस्जिद के पास भीड़ जमा हुई। पुलिस ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया, जिसके बाद धक्का-मुक्की और फिर पथराव हुआ। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने हवाई फायरिंग की। दूसरी ओर से भी फायरिंग की खबरें सामने आईं, जिससे तनाव और बढ़ गया। एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव अपनी टीम के साथ सर्वेक्षण के लिए पहुंचे। उनके साथ वादी पक्ष और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता, डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई, और भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। मस्जिद के चारों ओर पीएसी और आरआरएफ जवानों की तैनाती की गई थी। सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाई गई थी, जिससे अनधिकृत व्यक्तियों को मस्जिद के पास जाने से रोका जा सके। पथराव के कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच स्थिति गंभीर हो गई। शहर में अफवाहें फैलने से खलबली मच गई। स्थानीय प्रशासन ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए अधिक सुरक्षा बल तैनात कर दिया है।
जिलाधिकारी और एसपी की मौजूदगी:
स्थिति पर नजर रखने और शांति स्थापित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी मौके पर डटे रहे। हवाई फायरिंग और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद हिंसा भड़क उठी। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। इलाके में तनावपूर्ण माहौल है। ऐसे में प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू कर दी है। साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया है।
प्रभावित इलाके में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद की जा सकती हैं, ताकि अफवाहें न फैलें। पुलिस हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर रही है। सर्वेक्षण की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का निर्णय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हालात सामान्य होने के बाद लिया जाएगा। दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। यह घटना संवेदनशीलता और सामुदायिक संतुलन के लिहाज से बेहद गंभीर है। प्रशासन और स्थानीय नेतृत्व को मिलकर स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करना होगा।
19 नवंबर 2024 को अदालत के आदेश पर पहली बार सर्वेक्षण हुआ। इसे एडवोकेट कमीशन की देखरेख में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के साथ पूरा किया गया। फिर 24 नवंबर 2024 को सर्वेक्षण का कार्य फिर से शुरू हुआ। इसके दौरान दोनों पक्षों की उपस्थिति और पुलिस की कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
हिंदू पक्ष का दावा:
याचिका में बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी का उल्लेख किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि यह स्थान पहले हरिहर मंदिर था, जिसे 1529 में बाबर के आदेश पर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया।