India News(इंडिया न्यूज़),Sambhal Jama Masjid survey: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा और तनाव का माहौल बन गया। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची टीम पर स्थानीय लोगों ने पत्थरबाजी की, जिसके चलते पुलिस को हालात काबू में लाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। यह घटना रविवार सुबह हुई, जब एडवोकेट कमिश्नर विष्णु शंकर जैन की अगुवाई में टीम सर्वे के लिए पहुंची थी।
19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे का उद्देश्य यह जांच करना था कि क्या मस्जिद किसी प्राचीन हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। रविवार सुबह 7:30 बजे टीम मस्जिद में पहुंची और 10 बजे तक सर्वे चला। इस दौरान मस्जिद के अंदर की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई। मस्जिद के आसपास तनावपूर्ण माहौल था, और कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर पत्थरबाजी की।
पथराव और विरोध:
पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लिया। सर्वे टीम को सुरक्षा के साथ एक वैकल्पिक मार्ग से बाहर निकाला गया। घटना का वीडियो सामने आया, जिसमें पुलिस हेलमेट पहने नजर आई। डीआईजी मुरादाबाद मुनिराज और बरेली जोन के एडीजी रमित शर्मा को स्थिति नियंत्रित करने के लिए मौके पर भेजा गया। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि हालात अब काबू में हैं और पत्थरबाजी में शामिल लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इलाके में सुरक्षा के लिए पीएसी की तीन कंपनियों को तैनात किया गया है।
एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट:
सर्वे की पूरी जानकारी और साक्ष्य 29 नवंबर तक कोर्ट में प्रस्तुत किए जाएंगे। जामा मस्जिद पर दावा किया गया है कि यह मुगलकालीन मस्जिद एक प्राचीन हिंदू मंदिर के स्थल पर बनाई गई है। इस दावे की सत्यता जांचने के लिए कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था। मस्जिद के सर्वे का विरोध कर रहे हैं और इसे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश मान रहे हैं। कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए सर्वे करवा रहा है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने का आश्वासन दे रहा है। मौजूदा समय में जामा मस्जिद के आसपास भारी पुलिस बल तैनात है। प्रशासन ने किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है।