India News UP(इंडिया न्यूज़),Sambhal Masjid Survey: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए हिंसक बवाल को लेकर यूपी सरकार और प्रशासन की कड़ी आलोचना की है। मायावती ने कहा कि कल यूपी उपचुनाव के अप्रत्याशित नतीजों के बाद मुरादाबाद मंडल, खासकर संभल जिले में तनाव था।
ऐसे में यूपी सरकार व प्रशासन को मस्जिद-मंदिर विवाद का सर्वे शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया और आज जो बवाल व हिंसा हुई, उसके लिए यूपी सरकार व प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है। यह बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह काम दोनों पक्षों को साथ लेकर शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रशासन की लापरवाही के कारण आज हिंसा व अराजकता का माहौल पैदा हो गया। मायावती ने संभल की जनता से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि स्थानीय लोग शांति बनाए रखें, ताकि भविष्य में ऐसी कोई अप्रिय घटना न हो।
संभल में शाही मस्जिद के सर्वे पर अखिलेश यादव का बड़ा आरोप, जानबूझकर कराई गई हिंसा
मुसलमान शांति बनाए रखें, कोर्ट में मजबूती से लड़ेंगे कानूनी लड़ाई: मौलाना शहाबुद्दीन
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को बवाल हो गया। सर्वे के दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और आगजनी की। इससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। संभल में हुए बवाल के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुसलमानों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।
तोड़फोड़, पथराव न करें। पैगंबरे इस्लाम ने शांति का पैगाम दिया है, उस पर अमल करें। मौलाना ने कहा कि संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक मस्जिद है। सर्वे को लेकर जामा मस्जिद का मामला कोर्ट में लंबित है। इसे लेकर कानूनी लड़ाई मजबूती से लड़ी जाएगी।
अखिलेश यादव ने लगाया ये बड़ा आरोप
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसक घटना पर यूपी सरकार और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ये एक गंभीर घटना है. मस्जिद का सर्वे पहले ही हो चुका था लेकिन सुबह-सुबह सर्वे करने वाली टीम को जानबूझकर दोबारा भेजा गया। ताकि माहौल खराब किया जा सके और चुनावी मुद्दों पर कोई चर्चा न हो सके। खबर है कि कई लोग घायल हुए हैं और एक युवक की जान चली गई है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब मस्जिद का सर्वे पहले ही हो चुका था तो सरकार को दोबारा इसकी जरूरत क्यों पड़ी। वो भी बिना किसी तैयारी के। अखिलेश ने इस घटना को बीजेपी सरकार और प्रशासन की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ वो प्रशासन ने जानबूझकर किया ताकि चुनाव और कारोबारी मामलों में धांधली पर कोई चर्चा न हो सके। उन्होंने सरकार पर जानबूझकर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया ताकि राजनीतिक मुद्दों पर कोई चर्चा न हो सके।