India News (इंडिया न्यूज़),Sambhal News: संभल में प्राचीन नक्शों के आधार पर अतिक्रमण हटाने और खुदाई के काम में ऐतिहासिक धरोहरों का खुलासा हुआ है। इस दौरान प्राचीन  कार्तिकेय मंदिर,  राधा कृष्ण मंदिर,  कुएं  और  रानी की बावड़ी जैसी ऐतिहासिक जगहों की खुदाई की जा रही है। राज्य पुरातत्व विभाग की टीम लक्ष्मणगंज की बावड़ी का निरीक्षण करने भी जाने वाली है। इन पुरानी धरोहरों का संरक्षण और सौंदर्यीकरण करने की योजना बनाई जा रही है ताकि यह हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर आने वाली पीढ़ी तक पहुंचे।

ऐतिहासिक विरासत को दोबारा संजोने के लिए काम जारी

संभल नगर पालिका परिषद के एग्जीक्यूटिव अधिकारी डॉ. मणिभूषण तिवारी  ने बताया, “हमारी नगर पालिका की टीम संभल में ऐतिहासिक विरासत को दोबारा संजोने के लिए काम कर रही है। जिलाधिकारी की पहल पर सभी पुराने कुओं और तीर्थ स्थलों की खुदाई कर उनकी सफाई और जीर्णोद्धार किया जा रहा है, ताकि इन्हें पहले जैसा रूप दिया जा सके।”

कुएं और तीर्थ स्थलों के सौंदर्यीकरण का भी प्लान किया तैयार

इन धरोहरों के संरक्षण के अलावा, कुएं  और  तीर्थ स्थलों  के सौंदर्यीकरण का भी प्लान तैयार किया गया है। डॉ. तिवारी ने कहा, “हम इन कूपों और अन्य धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार के लिए  बंधन योजना और पर्यटन विभाग  से सहयोग प्राप्त करेंगे। इन स्थलों को नया स्वरूप देने से हम लोगों को अपनी धार्मिक परंपराओं से जोड़ सकेंगे।”

कूपों के धार्मिक महत्व का किया जाएगा वर्णन

कुएं के सौंदर्यीकरण की योजना  में खग्गू सराय, आलम सराय, और लाडम सराय में मिले कूपों का जीर्णोद्धार प्रमुख है। साथ ही, संभल महात्म्य के प्राचीन नक्शे में जिन 19 कूपों का जिक्र है, उनके चिन्हीकरण के साथ-साथ साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे, जिन पर इन कूपों के धार्मिक महत्व का वर्णन किया जाएगा।

कुओं के चारों ओर  बनाए जाएंगे  परिक्रमा पथ

इसके अलावा, कुओं के चारों ओर  परिक्रमा पथ बनाए जाएंगे, साथ ही  द्वार  भी बनवाए जाएंगे, जिन पर इन कूपों के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस योजना से न केवल इन ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण होगा, बल्कि यह स्थानीय लोगों को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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