India News (इंडिया न्यूज), Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में प्रशासन की तीर्थ स्थलों को खोजने की कोशिशें लगातार जारी है। इसी कड़ी में प्रशासन ने पृथ्वीराज चौहान के समकालीन माने जाने वाले गुरु अमर सिंह की समाधि को खोज निकाला है। ASI संरक्षित इस स्थल को भी प्रशासन संरक्षित करेगा। 1920 से ASI संरक्षित इस ऐतिहासिक स्थल के पास से प्रशासन ने ब्रिटिश कालीन सिक्के भी बरामद करने का दावा किया है।

ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित रखने की पहल

संभल को तीर्थ नगरी के साथ ही ऐतिहासिक नगरी के तौर पर भी जाना जाता है। यह सतयुग कालीन तीर्थ स्थल हैं तो वहीं ऐतिहासिक स्थल भी है। संभल जिला प्रशासन विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गया था। यहां के सभी तीर्थ स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में काम कर रहा है। यहां प्रशासन अवैध कब्जा कर पाट दिए गए कुएं और कूपों की खुदाई कर रहा है।

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गुरु अमर सिंह की समाधि को खोजा

तो वहीं, ASI संरक्षित स्थलों को भी संरक्षित करने पर काम कर रहा है। इसी कड़ी में प्रशासन ने पृथ्वीराज चौहान के समकालीन माने जाने वाले गुरु अमर सिंह की समाधि को भी खोज निकाला है। बीते बुधवार को भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम संभल तहसील क्षेत्र के गांव अल्लीपुर पहुंची। जहां टीम ने यहां के अमरपति खेड़ा का निरीक्षण किया था। क्योंकि, यह स्थल 1920 से भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है।

SDM ने सिक्कों और घड़े को लिया कब्जे में

ASI की टीम के गांव पहुंचने पर ग्रामीण इकट्ठा हो गए थे और उन्होंने ASI की टीम को बताया था कि यहां समय-समय पर उन्हें प्राचीन सिक्के मिलते रहे हैं। हालांकि ग्रामीणों ने टीम को सिक्के नहीं दिए। इसके बाद गुरुवार को सदर SDM डॉ. वंदना मिश्रा यहां पहुंची थी। SDM ने यहां ASI संरक्षित इस क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस बीच यहां मौजूद ग्रामीणों ने एसडीएम के सामने दावा करते हुए बताया कि यहां उन्हें कई प्राचीन सिक्के और घड़ा मिला है, जिस पर SDM ने इन सिक्कों को और घड़े को अपने कब्जे में ले लिया है।

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इस मामले में SDM डॉ. वंदना मिश्रा ने बताया कि वहां पर कल ASI की टीम गई थी और उस स्थल को उन्होंने अमरपति खेड़ा के नाम से चिन्हित किया। अमरपति खेड़ा पूर्व से ASI द्वारा सन 1920 से संरक्षित स्थल रहा है तो उसी सिलसिले में उन्होंने वहां विजिट किया। वहां पुराने सिक्के मिले हैं और वहां पर लोगों के द्वारा बताया गया कि वहां पुरानी समाधियां रही हैं जो ASI के रिकॉर्ड में है। वहां पर गुरु अमर की समाधि थी जब उसको संरक्षित किया गया था और गुरु अमर पृथ्वीराज चौहान के समकालीन माने जाते हैं सिक्के 300 – 400 साल पुराने मिले हैं।