उत्तर प्रदेश

स्नान पर्व और अमृत स्नान के लिए फेवरिट स्पॉट बना संगम नोज

India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार को करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं की प्राथमिकता संगम नोज रहा, जहां पर अखाड़ों के संतों और गुरुओं ने भी स्नान किया। संगम नोज पर एक तरफ जहां अखाड़ों के संत आरक्षित स्थान पर स्नान कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ श्रद्धालुओं भी संगम नोज पर स्नान कर पा रहे थे। ये संभव हुआ सिंचाई विभाग की यांत्रिक शाखा यांत्रिक बैराज यांत्रिक खंड अनुरक्षण वाराणसी के भगीरथ प्रयासों से, जिसने मात्र 85 दिनों में तीन शिफ्ट में काम करके शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक 26 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया। इसमें 2 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार सिर्फ संगम नोज पर किया गया। इसके चलते साधु संत और श्रद्धालुओं का संगम नोज पर एक साथ अमृत स्नान संभव हो सका।

सुगम स्नान की मिल रही सुविधा

13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के प्रथम स्नान पर्व और 14 जनवरी को पहले अमृत स्नान पर 3 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। सर्वाधिक लोगों ने संगम नोज पर ही स्नान को प्राथमिकता दी। देर रात से ही संगम नोज पर भीड़ जुटने लगी। अनुमान के मुताबिक यहां हर घंटे तीन लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। बैराज यंत्रिक खंड अनुरक्षण वाराणसी ने 85 दिनों तक अथक प्रयास करके संगम नोज पर 2 हेक्टेयर समेत कुल 26 हेक्टेयर क्षेत्र विस्तार किया है। इससे 1650 मी. क्षेत्र में बालू की बोरी लगाकर अस्थाई घाटों का निर्माण संभव हो सका, जिससे पूरे संगम क्षेत्र में एक साथ अधिक श्रद्धालु स्नान कर पाने में सक्षम हुए। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता (सज्जा एवं सामग्री प्रबंध) उपेन्द्र सिंह ने बताया कि अधिशासी अभियंता बैराज यांत्रिक अनुरक्षण खंड वाराणसी सुजीत कुमार सिंह व टीम सूर्य भूषण, प्रदीप, अनुराग और अन्य द्वारा 4 बड़ी ड्रेजिंग मशीनों की सहायता से 85 दिनों में इस कार्य को संपन्न कराया गया।

ड्रेजर मशीनों का उपयोग किया गया

उन्होंने बताया कि 2019 में संगम नोज की क्षमता 50 हजार श्रद्धालु प्रति घंटा स्नान की थी, जबकि अब यहां 2 लाख से ज्यादा लोग प्रति घंटे स्नान कर सकते हैं। यह पहले की तुलना में तीन गुना है। शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक कुल 26 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया गया है। 85 दिनों तक तीन शिफ्ट में इस काम को अंजाम दिया गया। इस दौरान विशेष रूप से चार अमेरिकन ड्रेजर मशीनों का उपयोग किया गया।
Prakhar Tiwari

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