India News (इंडिया न्यूज़),Shaurya Samman 2025: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ‘शौर्य सम्मान कार्यक्रम’ का आगाज हो चुका है। सुबह 10 बजे कार्यक्रम शुरू हुआ। शौर्य सम्मान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम में पहुंचे। राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा भी साथ में मौजूद रहें। साथ ही बता दें कि, इस कार्यक्रम में डॉ. बबिता सिंह चौहान महिला आयोग अध्यक्ष भी पहुंची। गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया गया।
गर्मजोशी के साथ मंच पर किया गया स्वागत
मंच पर बुलाते ही सबसे पहले बबिता सिंह चौहान के नई पहल के बारे में बात की इसी मुद्दे से उनसे सवाल पूछे गए। ये पहल समाज में महिलाओं की कैसे मदद करेंगा। इस तरह के सवाल उनसे पूछे गए। वहीं अपनी नई पहल के बारे में बताते हुए बबिता सिंह चौहान ने कहा कि, इस पहल से महिलाओं की नियुक्ति हुई है। सबसे पहले उन्होंने आईटी नेटवर्क टीम का धन्यवाद किया और कहा कि ये शौर्य सम्मान कार्यक्रम शहीदों के लिए बड़ी पहल है। आगे उन्होंने कहा कि ‘शौर्य सम्मान’ कार्यक्रम के लिए समाज को नई दिशा मिलेगी।
बता दें कि, उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा की दिशा में कदम बढ़ाते हुए यूपी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने एक आदेश जारी कर जिम, ब्यूटी पार्लर, सैलून और दर्जी की दुकानों पर महिला ट्रेनर और स्टाफ की मौजूदगी अनिवार्य की थी। उनका मानना है कि इस फैसले से महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उनके इस फैसले का मकसद महिलाओं के खिलाफ बढ़ते उत्पीड़न के मामलों को रोकना और सुरक्षित माहौल मुहैया कराना है।
जिम, सैलून में महिलाओं की नियुक्ति पर
हमारा काम महिलाओं की सुनवाई करना हैं। हमारे पास जो महिलाएं आती थीं तो उनकी शिकायतें यह भी थीं कि जिम में महिला ट्रेनर या महिला टेलर नहीं होती है। आपने टेलर मास्टर सुना होगा पर टेलर मास्टरनी नहीं सुना होगा। तो वह मेंटली प्रिपेयर नहीं थे। जितने भी ब्रांडेड सैलून हैं वहां 90 फीसदी लड़के ही काम करते हैं। लड़कियां सिर्फ रिसेप्शन पर ही काम करती हैं। यहां से शिकायतें बहुत आ रही थीं। किसी ने पहले सोचा ही नहीं था। हमने जिम, सैलून से बात और उनसे महिला जिम ट्रेनर, सैलून में महिलाओं को रखने की बात की। अभी उतनी ट्रेंड महिलाएं नहीं हैं, इसलिए जल्दी ही हम महिला आयोग की तरफ से जिम, सैलून और टेलरिंग, बुटिक जैसे पेशे में ट्रेनिंग शुरू करवाएंगे। इससे उन्हें रोजगार भी मिलेगा और आत्मसम्मान के साथ आत्मनिर्भरता भी महसूस होगी। यूपी में साढ़े बारह करोड़ महिलाओं की आबादी है, यूनीसेक्स सैलून में इनमें से एक या दो प्रतिशत लोग ही जाती हैं। जितना क्राइम जिम से निकल रहा है, उतना कहीं और से नहीं निकल रहा है।
हम लड़कों का रोजगार नहीं छीन रहे या खतरे में डाल रहे हैं, यह किन मानसिकता के लोगों द्वारा कहा जा रहा है ? हम केवल महिलाओं को रोजगार देने की बात कर रहे हैं। हम वहां लड़कों के साथ लड़कियों की नियुक्ति की जाए। जहां महिलाओं की जगह है, वहां अगर पुरुष नियुक्त होंगे तो यह महिलाओं के रोजगार और अधिकार छीनने की बात है।
महिला भिखारियों की स्थिति पर
महिला आयोग अगला कदम महिला भिखारियों के पुनर्वास और स्थिति पर काम किया जाएगा। पर महिला भिखारियों के इस गैंग के सरगना भी पुरुष ही हैं। कई सर्वे हुए हैं जिसमें यह सामने आया है। हम इस पर काम कर रहे हैं। हम जल्दी ही एेसे लोगों के लिए योजना लेकर आएंगे।
महिलाओं के बेटी होने पर विरोध करने पर
यह आगरा का एक मामला आया था, जिसमें एक महिला ने बेटी को जन्म दिया और पति से नाराज होकर मायके में जाकर रहने लगी थी। इसमें महिलाओं को और जागरूक करने की जरूरत है। महिलाओं के लिए एेसा प्लान बनाया है जिससे हम गांव तक नीचे तक जाकर बेटियों को जन्म देने की जागरूकता पैदा करेंगे।
महिला सुरक्षा को लेकर
मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करना चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश आज सुरक्षित हाथों में हैं। लेकिन हम कॉलेजों और स्कूलों के साथ मिलकर और उन फैक्ट्रियों या आफिसों के माध्यम से काम करेंगे ताकि अगर वह लेट नाइट काम करना चाहती हैं तो उनकी सहमति शामिल हो। महिलाओं के लिए काम का टाइम फिक्स हो और अगर वह ओवरटाइम करें तो उन्हें भी पता हो। इसके लिए भी जागरुकता की जरूरत है अब यूपी में उतना क्राइम रेट नहीं रहा है, पर जितना भी है, हम उसे रोकने के लिए काम कर रहे हैं।