इंडिया न्यूज, लखनऊ :
बीमार पिता को तुरंत लिवर ट्रांसप्लांट कराना था। ऐसे में उनका मैच बेटे के लिवर से मिला लेकिन बेटा ओवरवेट होने की वजह से लिवर डोनेट करने के लिए अनफिट था। एक युवा ने डाइटिंग और कसरत के बल पर एक महीने में 8 किलो वजन कम करके दिखाया। ऐसा करने का मकसद था कि वह अपने बीमार पिता को लिवर डोनेट करने लायक फिट हो सके
खुशी की बात है कि सर्जरी सफल रही और पिता-पुत्र दोनों की स्वस्थ होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं।
एक युवा ने डाइटिंग और कसरत के बल पर एक महीने में 8 किलो वजन कम करके दिखाया। ऐसा करने का मकसद था कि वह लिवर ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे अपने बीमार पिता को लिवर डोनेट करने लायक फिट हो सके। खुशी की बात है कि सर्जरी सफल रही और पिता-पुत्र दोनों की स्वस्थ होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं।
यह आॅपरेशन लखनऊ के अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में हुआ था। अस्पताल के सीईओ ओर एमडी डा. मयंक सोमानी ने बताया, ‘मरीज की उम्र 45 साल थी वह दो महीने पहले यहां आया था। उसे लिवर सिरोसिस की बीमारी थी। ऐसे में लिवर ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया गया। जांच में पाया गया कि उसके 23 साल के बेटे का लिवर मैच कर रहा है। लेकिन समस्या यह थी कि बेटा ओवरवेट था। उसका वजन 80 किलो से ऊपर था। इसलिए वह ‘फैटी लिवर’ की समस्या से ग्रस्त था। इसमें लिवर में एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाता है।’
उन्होंने आगे बताया, ‘चूंकि फैटी लिवर सामान्य लिवर की तरह काम नहीं करता, ऐसे में ट्रांसप्लांट का आपरेशन दोनों के लिए जोखिम भरा साबित होता। ऐसे में हमने मरीज के बेटे को महीने भर के लिए खास किस्म के डाइट प्लान का पालन करने और कसरत करने को कहा। उस युवक ने सख्?ती से उसका पालन किया और महीने भर में वह लिवर डोनेट करने के लिए फिट हो गया। अंतत: आपरेशन सफल रहा।’
लिवर ट्रांसप्लांट कंसल्टेंट डॉ. आशीष मिश्रा के अनुसार यह अस्पताल में होने वाला दूसरा कामयाब लिवर ट्रांसप्लांट था। पिछला फरवरी में हुआ था। प्रति पेशंट पूरे ट्रांसप्लांट में 17 लाख रुपयों का खर्च आता है। इसी महीने अस्पताल को मृत्योपरांत लिवर ट्रांसप्लांट की अनुमति भी मिल गई है।