India News (इंडिया न्यूज), Shamli Encounter News:मेरठ के मसूरी गांव में यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह की शहादत के बाद शोक की लहर दौड़ गई है। 20 जनवरी को शामली में कग्गा गैंग के खिलाफ एसटीएफ द्वारा की गई मुठभेड़ में सुनील सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मुठभेड़ के दौरान उनके पेट में तीन गोलियां लगी थीं, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
सुनील के लीवर में लगी थी गोली
परिजनों के अनुसार, सुनील कुमार सिंह का करियर पुलिस सेवा में शानदार रहा। उन्होंने चंबल के कुख्यात ठोकिया गैंग और उमर केवट गैंग को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, पिछले साल खतरनाक अपराधी अनिल दुजाना के एनकाउंटर में भी वह शामिल थे। कग्गा गैंग के खिलाफ एसटीएफ की मुठभेड़ में सुनील सिंह का योगदान उल्लेखनीय था। उन्होंने इस मुठभेड़ में लाखों रुपये के इनामी अपराधी अरशद और अन्य बदमाशों को मार गिराया। इस दौरान वह घायल हो गए थे और उनकी हालत नाजुक हो गई थी। डॉक्टरों के अनुसार, गोली से उनका लीवर और अन्य अंग गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने करीब 36 घंटे तक संघर्ष किया, लेकिन आखिरकार उन्होंने शहादत प्राप्त की।
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कई अंग हो गए थे बुरी तरह डैमेज
यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हुए थे। सोमवार (20 जनवरी) की रात सुनील और उनकी टीम ने शामली के कग्गा गैंग के चार बदमाशों का एनकाउंटर किया था। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर के पेट में तीन गोली लग गई थी। सुनील कुमार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां उनकी सर्जरी की गई। डॉक्टरों ने कहा गोली से लीवर गाल, पेट में खून की बड़ी नस आईवीसी और लिवर बुरी तरह से डैमेज हो गए थे। डॉक्टरों के मुताबिक, उनका ब्लड प्रेशर भी बार- बार ऊपर नीचे हो रहा था।
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सुनील ने अपनी बहादुरी से जीते थे कई मैडल
सुनील कुमार सिंह का रिटायरमेंट 2030 में था, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्य की राह पर चलते हुए अपनी जान दे दी। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके थे। 1990 में यूपी पुलिस में भर्ती होने वाले सुनील कुमार ने एसटीएफ जॉइन किया था और वहां रहते हुए कई बड़े एनकाउंटर किए। उनकी शहादत ने न केवल यूपी पुलिस बल को गर्व महसूस कराया, बल्कि उनके परिवार और गांव में भी गहरी चुप्पी पसार दी है।