India News UP(इंडिया न्यूज)Supreme Court On Bulldozer: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 सितंबर) को बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी है। हालांकि यह रोक 1 अक्टूबर तक लगाई गई है। इस मामले पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से गरीबों को सहारा मिला है।
उन्होंने कहा, “लोग किराए के मकान में रहते हैं, उन्हें भी तोड़ दिया गया। अगर एक व्यक्ति गलती करता है, तो पूरा मकान तोड़ दिया जाता है, फिर घर में रहने वाले बाकी लोग कहां जाएंगे? ये गरीब लोग इतने गरीब हैं कि निचली अदालत में भी लड़ाई नहीं लड़ पाते। हम उन गरीब और असहाय लोगों का सहारा बनना चाहते हैं, जिनका कोई सहारा नहीं है।”
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‘कोर्ट के फैसले से गरीबों को सहारा मिला’
मौलाना मदनी ने आगे कहा, “अब कोई जुल्म नहीं होगा। कोर्ट ने कहा है कि किसी के घर पर बुलडोजर नहीं चलेगा। किसी भी मुसलमान या किसी और पर जुल्म और अत्याचार नहीं होगा। इससे लोगों को राहत मिलेगी। इससे गरीबों को सहारा मिला है। कोर्ट इस मामले में जो रुख अपना रहा है, वह उन लोगों के लिए जीवन आसान बनाने का जरिया है, जिनके लिए जीवन मुश्किल होता जा रहा था।”
बुलडोजर कार्रवाई पर SC ने कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि देश में बिना उसकी अनुमति के कोई भी तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने “बुलडोजर न्याय” पर रोक लगाते हुए कहा कि अगर अवैध तोड़फोड़ का एक भी मामला है तो यह संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। अब इस मामले की सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी और यह रोक तब तक के लिए है।