इंडिया न्यूज,उत्तर प्रदेश न्यूज, (Teachers will be recruited through TET) : अब मदरसों में पहली बार टीचिंग इलेजिबल टेस्ट (टीईटी) के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती होगी । ऐसा इसलिए किया गया हैं क्योकि उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन करना चाहती हैं । जिसके लिए ही 16000 से अधिक मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार ने आदेश दिया हैं । अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान योगी सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगी है । इसी कड़ी में अब राज्य सरकार मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन करने जा रही है, जल्द ही सरकार मदरसों में टीईटी को अनिवार्य करने जा रही है अर्थात अब मदरसों में शिक्षकों की भर्ती टीईटी के माध्यम से की जाएगी ।
राज्य में करीब 16,461 से अधिक मदरसे हैं जिनमें से 560 सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार मदरसों में एनसीईआरटी से सम्बंधित पाठ्यक्रम में शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी को अनिवार्य बनाएगी, जबकि ये व्यवस्था उर्दू, फारसी, अरबी और दीनियात के शिक्षकों की भर्ती पर लागू नहीं होगी ।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए पाठयक्रम में शामिल होगी एनसीईआरटी
अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया है कि, सरकार इस विषय से सम्बंधित एक प्रारूप तैयार कर रही है और जल्दी ही ये व्यवस्था मदरसों पर लागू की जाएगी राज्यमंत्री के अनुसार, मदरसा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए पाठ्यक्रम में जल्दी ही एनसीईआरटी को भी सम्मिलित किया जायेगा, इन पाठ्यक्रमों के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की आवश्कता होगी जिन्हें टीईटी के माध्यम से भर्ती किया जाएगा ।
सरकार ने मदरसों में एनसीईआरटी पाठयक्रम के लिए दे दी थी मंजूरी
सरकार ने वर्ष 2017 में ‘तथानिया’ (कक्षा 1 से 5), ‘फौकानिया’ (कक्षा 5 से 8) और आलिया या उच्चतर आलिया स्तर (हाई स्कूल और ऊपर) के मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए पहले ही मंजूरी दे दी थी, जिस कारण से इस नए नियम के लिए कानून में परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होगी ।
टीईटी के माध्यम से शिक्षक भर्ती से हो सकता हैं भेदभाव
शिक्षक संघ मदारिस अरबिया ने कहा कि राज्य में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए मदरसों में टीईटी के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती से उनके बीच भेदभाव शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने से एक ही मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बीच योग्यता और शिक्षा का अंतर होगा, क्योंकि टीईटी पास करने के बाद भर्ती होने वाले शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता अरबी, फारसी, दीनियात और उर्दू पढ़ाने वालों की तुलना में अधिक होगी, इसलिए अन्य सभी विषयों के लिए भी टीईटी अनिवार्य होना चाहिए ।
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मदरसों में अभी तक कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाने वाले शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता उर्दू या किसी समकक्ष प्रमाण पत्र के साथ इंटरमीडिएट पास होना और कक्षा 5 से 8 में पढ़ाने के लिए शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता कामिल डिग्री या अरबी फारसी या दीनियात और फाजिल के साथ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री या आलिया (हाई स्कूल और ऊपर) के लिए अरबी या फारसी होना अनिवार्य थी।
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