India News (इंडिया न्यूज),UP Politics : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत जनसंख्या वृद्धि में गिरावट को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने चिंता जताते हुए रविवार को कहा कि भारत की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) मौजूदा 2.1 के बजाय कम से कम तीन होनी चाहिए। अब समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क ने मोहन भागवत के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि भागवत जी और मोदी जी को तय करना चाहिए कि क्या सही है क्योंकि देश के नागरिक भ्रमित हो रहे हैं। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि बच्चे भगवान की देन हैं। उन्हें इस दुनिया में आने से नहीं रोका जाना चाहिए।
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राम गोपाल यादव ने दी ये सलाह
सपा के मुख्य महासचिव राम गोपाल यादव ने मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरएसएस प्रमुख को सलाह दी है कि वे अपने स्वयंसेवकों से बच्चे पैदा करने के लिए कहें। दरअसल, मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा था कि जनसंख्या में गिरावट गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकी अध्ययनों से पता चलता है कि जब किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे गिरती है, तो उसके विलुप्त होने का खतरा होता है। यह गिरावट जरूरी नहीं कि बाहरी खतरों के कारण हो; एक समाज धीरे-धीरे अपने आप विलुप्त हो सकता है। इस मुद्दे के कारण कई भाषाएँ और संस्कृतियाँ पहले ही विलुप्त हो चुकी हैं।
आरएसएस प्रमुख ने क्या कहा?
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि प्रजनन दर को 2.1 से ऊपर बनाए रखना जरूरी है। परिवार समाज का अभिन्न अंग है और समाज के निर्माण में हर परिवार का महत्व है। हमारे देश की जनसंख्या नीति, जो 1998 या 2002 के आसपास तैयार की गई थी, कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए।
वहीं एनसीपी (सपा) अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि अगर जनसंख्या दर बढ़ी तो भारत की क्या स्थिति होगी, इसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। देश की जनसंख्या बहुत बढ़ गई है। इसके बाद जनसंख्या दर बढ़ने से कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। पानी की समस्या हो सकती है, अनाज की समस्या हो सकती है, अन्य समस्याएं हो सकती हैं।