India News UP(इंडिया न्यूज)  UP Prayagraj News संगम नगरी प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम स्थित मंदिर से चोरी गई मूर्ति चोर ने वापस कर दी। मंदिर से मूर्ति चोरी के मामले में नवाबगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पुलिस मूर्ति बरामद नहीं कर सकी। चोर ने खुद ही माफीनामा लिया और मूर्ति मंदिर के पास छोड़ गया। चोरी के आठ दिन बाद मंदिर से चोरी हुई राधा-कृष्ण की बेशकीमती अष्टधातु की मूर्ति बरामद होने को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इस अनोखे मामले को लेकर कुछ लोग इसे कलियुग में भगवान का चमत्कार मान रहे हैं।

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क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, शहर से करीब 45 किलोमीटर दूर श्रृंगवेरपुर धाम के गऊ घाट आश्रम से 24 सितंबर को मंदिर का ताला तोड़कर राधा-कृष्ण की सैकड़ों साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति चोरी हो गई थी।  वहीं मामले में एफआईआर मंदिर के पुजारी फलाहारी महंत स्वामी जयराम दास महाराज ने दर्ज कराई थी। पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में भी लिया लेकिन मूर्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। उसने माफीनामे में यह भी लिखा है कि उसने भगवान राधा-कृष्ण की मूर्ति को बेचने के लिए उसके साथ छेड़छाड़ की है, जिसके लिए वह भगवान से क्षमा भी मांग रहा है। माफीनामे में चोर ने मंदिर के पुजारी से मूर्ति को दोबारा मंदिर में स्थापित करने की अपील भी की है। फिलहाल कानूनी कार्रवाई के बाद नवाबगंज थाना पुलिस ने मूर्ति को आश्रम के महंत के सुपुर्द कर दिया है।

मंदिर के महंत फलाहारी स्वामी जयराम दास महाराज ने पूजा-अर्चना कर मूर्ति को दोबारा मंदिर में स्थापित कर दिया है। मंदिर से मूर्ति चोरी होने के बाद चोर के हृदय परिवर्तन और उसके माफी मांगने की क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले में कोई भी बयान देने से बच रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मंदिर का ताला तोड़कर मूर्ति चोरी करने की एफआईआर नवाबगंज थाने में दर्ज कर ली गई है। ऐसे में पुलिस माफीनामा लिखवाकर मूर्ति वापस करने वाले चोर की तलाश कर रही है। फजीहत से बचने के लिए पुलिस चोर को गिरफ्तार किए बिना बयान देने से बच रही है।

 

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