India News (इंडिया न्यूज), CM Yogi Aditya Nath: यूपी के एटा क्षेत्र के नगला पवल गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां एक परिवार बुरी तरह से बिखर गया है। करीब 2 साल पहले परिवार के मुखिया की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई थी। इलाज में काफी पैसा खर्च हो गया और जब पैसे नहीं बचे तो इलाज नहीं करा पाए और परिवार का कमाने वाला शख्स मर गया। तब से परिवार गरीबी से जूझ रहा था। इस परिवार में 6 बच्चे हैं जिनकी पढ़ाई-लिखाई और भरण-पोषण मुश्किल हो रहा था।

ग्रामीणों ने बताया कि 3 दिन पहले गरीबी और आर्थिक तंगी से परेशान महिला सुमन ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी। उसके पति की 2 साल पहले मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद 35 वर्षीय सुमन अकेले 6 बच्चों का पालन-पोषण नहीं कर पा रही थी। ऐसे में वह हर दिन बच्चों की बेबसी और भूख को देखकर परेशान रहती थी। सुमन की भाभी लक्ष्मी देवी ने बताया कि हर तरफ से परेशानियां आ रही थीं। बच्चों को भूखे पेट सुलाना पड़ रहा था, घर में खाने को कुछ नहीं है।

घर में न राशन था, न पानी और न ही पैसे

लक्ष्मी देवी ने बताया कि सुमन आर्थिक तंगी से जूझ रही थी। दादी के नाम के राशन कार्ड में बच्चों के नाम नहीं हैं, इसलिए उसे राशन नहीं मिला। घर में बिजली का कनेक्शन नहीं है, इसलिए वह बच्चों के साथ अंधेरे में रह रही थी। दादी को विधवा पेंशन नहीं मिलती, इसलिए घर में पैसे नहीं हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के पास एक-दो जोड़ी कपड़े ही हैं और पूरे घर में और कुछ नहीं है। ठंड लगने पर बच्चे हर समय कांपते रहते हैं, घर में कंबल तक नहीं था।

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ग्रामीणों ने किया अंतिम संस्कार

ग्रामीण ओमप्रकाश ने बताया कि सुमन बुरी तरह टूट चुकी थी और उसे कोई उम्मीद नहीं थी। ऐसे में वह दुनिया छोड़कर चली गई। उसकी मौत के बाद परिजनों ने गांव के लोगों के साथ मिलकर बिना पोस्टमार्टम कराए सुमन का अंतिम संस्कार कर दिया और पुलिस को भी इसकी सूचना नहीं दी। जब प्रशासन के अधिकारियों को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने बच्चों को खाद्यान्न और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराया।

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