India News (इंडिया न्यूज),UP News: मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मणगंज में बावड़ी की तलाश में तीसरे दिन सोमवार को भी खोदाई की गई।आपको बता दें कि इस दौरान सीढ़ियां सामने आईं। अब तक सुरंग जैसे कुछ गलियारे भी सामने आ चुके हैं। कमरों जैसी आकृति भी मिलने से इस स्थान पर भूमिगत विशाल इमारत की मौजूदगी के संकेत मिल रहे हैं।

बावड़ी होने का दावा किया था

लक्ष्मणगंज में 17 दिसंबर को खंडहरनुमा प्राचीन मंदिर मिला था। इसे 150 वर्ष पुराना बांकेबिहारी मंदिर बताया गया था। शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में सनातन सेवक संघ के पदाधिकारी ने DM को प्रार्थनापत्र देकर लक्ष्मणगंज के ही 1 प्लॉट में प्राचीन बावड़ी होने का दावा किया था।

कमरों जैसी आकृति मिली

DM के आदेश पर तहसील और पालिका की टीम ने मौके पर पहुंच कर बताई गई जमीन पर खोदाई शुरू कराई। 1 घंटे की खोदाई में दीवारें दिखने लगीं तो नीचे बावड़ी होने की बात को मजबूती मिली। इसके बाद रविवार को दूसरे दिन खोदाई में कमरों जैसी आकृति मिली। लंबा पक्का गलियारा भी सामने आया, जिससे जुड़े लंबे रास्ते को सुरंग की राह माना जा रहा है।

खोदाई रोक दी गई

आपको बता दें कि सोमवार की खोदाई में सीढ़िया नजर आने पर उस जगह JCB के स्थान पर श्रमिकों को लगाया गया। मौके पर मौजूद अधिकारी ने बताया कि जेसीबी को मिट्टी उठाने तथा अन्य स्थान पर खोदाई में लगाया गया है। सीढ़ियों और इससे जुड़े प्राचीन भवन के मूल स्ट्रक्चर को नुकसान न पहुंचे, इसलिए इस स्थान पर श्रमिकों से खुदाई कराई जा रही है। शाम को अंधेरा होने पर खोदाई रोक दी गई।

खोदाई का कार्य किया जाएगा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईओ कृष्ण कुमार सोनकर ने कहा कि धीरे-धीरे मिट्टी हटाई जा रही है। आज मिलीं सीढ़ी बावड़ी में पानी के स्रोत तक जाने का रास्ता हैं या इसके आगे कोई भवन है, और खोदाई से स्पष्ट होगा। मंगलवार को भी खोदाई का कार्य किया जाएगा।

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