India News (इंडिया न्यूज),CM Yogi Adityanath Ayodhya Visit: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में भव्य दीपोत्सव के अवसर पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी तीन पीढ़ियों ने श्रीराम जन्मभूमि के लिए संघर्ष किया है और यदि राम मंदिर के लिए सत्ता गंवानी भी पड़े तो इसमें कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्होंने दीपोत्सव की शुरुआत की थी, तब इसे लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं, लेकिन आज यह एक भव्य महोत्सव बन चुका है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

समाजवादी पार्टी पर अप्रत्यक्ष हमला

मुख्यमंत्री ने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका यह बयान समाजवादी पार्टी पर निशाना माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को यह लगता था कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाने से विवाद खड़ा होगा, लेकिन हमने स्पष्ट किया कि हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं, बल्कि आस्था और संस्कृति के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब अधिकारियों ने सलाह दी थी कि राम मंदिर का मुद्दा छूने से उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है, लेकिन उन्होंने इसे कभी समस्या नहीं माना।

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रामलला और हनुमानगढ़ी में दर्शन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पहुंचकर रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने संतों और श्रद्धालुओं से मुलाकात की और राम मंदिर निर्माण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उनका कहना था कि श्रीराम केवल धार्मिक आस्था का विषय नहीं हैं, बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक भी हैं।

अयोध्या के संतों ने किया समर्थन

मुख्यमंत्री के बयान पर अयोध्या के संतों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि योगी आदित्यनाथ पहले संत हैं और बाद में मुख्यमंत्री। उन्होंने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ की तीन पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं और यह बयान उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं, राष्ट्रवादी बालसंत दिवाकर आचार्य ने भी मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता के लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें ऐसा नेतृत्व मिला है।

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