इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार 26 मई को विधानसभा में 2022 का बजट पेश कर दिया है। योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। वित्त मंत्री ने इस बजट में कई क्षेत्रों के लिए अहम घोषणाएं कीं, जिसमें शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र को भी कई अहम सौगातें मिली। चलिए जानते हैं कि शिक्षा और रोजगार के लिए कैसा रहा इस साल यूपी का बजट।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट में कई बड़ी घोषणाएं की हैं। चलिए जानते हैं शिक्षा क्षेत्र में कौन-कौन सी बड़ी योजनाएं हैं बजट में।
बेसिक शिक्षा
वर्ष 2022-2023 में परिषदीय विद्यालयों में “स्कूल चलो अभियान” के अन्तर्गत 2 करोड़ छात्रों के नामांकन का लक्ष्य रखा गया है। मौजूदा समय में यह आंकड़ा 1.66 करोड़ का है। शिक्षा अभियान के लिए 18,670 करोड़ 72 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। कक्षा एक से 8 तक के छात्रों के खाते में सीधे पैसे भेजने के लिए 370 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।
माध्यमिक शिक्षा
सैनिक स्कूलों को चलने के लिए 98 करोड़ 38 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित किए गए हैं। संस्कृत पाठशालाओं को अनुदान के लिए 324 करोड़ 41 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 836 करोड़ 80 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
उच्च शिक्षा
राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूरा करने के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। प्रदेश में 75 नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। छात्रों को मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण देने के लिए संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जाएगा। जिसके लिए 1 करोड़ 16 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
प्राविधिक शिक्षा
सरकार की वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी योजना के क्रम में छात्र / छात्राओं को सत्र 2022-2023 में न्यू एज ट्रेडस् के अन्तर्गत 04 पाठ्यक्रम – डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इण्टरनेट ऑफ थिग्स साइबर सेक्योरिटी और ड्रोन टेक्नोलाजी में शिक्षण प्रशिक्षण कराया जाएगा।
व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास
प्रदेश के 04 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित किया जाएगा। विभिन्न जनपदों में स्थापित नवीन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 31 को पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा वर्ष 2022-2023 में 2 लाख युवाओं को पंजीकृत करते हुये प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
रोजगार क्षेत्र के लिए घोषणाएं करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि “प्रदेश में निजी निवेश के माध्यम से 01 करोड़ 81 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही 60 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। बीते पांच सालों में राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया से 4.50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। राज्य में जून, 2016 में बेरोजगारी दर 18 फीसदी थी। जो अप्रैल, 2022 में घट कर 2.9 फीसदी रह गई है। बीते पांच सालों में कौशल विकास मिशन द्वारा 9.25 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न कार्यक्रमों में प्रशिक्षित किया गया है। 4.22 लाख युवाओं को विभिन्न कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया है।”
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