India News (इंडिया न्यूज), UP Government on Excise Policy: उत्तर प्रदेश सरकार की अगली कैबिनेट बैठक में आबकारी विभाग के नीतियों से जुड़े अहम फैसले हो सकते हैं। आबकारी विभाग ने सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। आबकारी विभाग के नए प्रस्ताव के बाद से सरकार नई आबकारी नीति ला सकती है, जिसके तहत UP में शराब महंगी हो सकती है।
जानें, क्या है आबकारी नीति में?
सूत्रों के से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार शराब कारोबारियों को राहत देने के लिए नई नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेगी और पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण को मंजूरी दे सकती है। इसी को लेकर प्रदेश स्तर पर शराब के फुटकर व्यापारी भी लाइसेंसों के नवीनीकरण की मांग कर रहे हैं।
ये हो सकते हैं बदलाव
आबकारी विभाग ने राजस्व बढ़ाने के लिए पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण की जगह पर ई-टेंडरिंग की तैयारी की थी। नई नीति के देर से ड्राफ्टिंग होने के कारण पुरानी नीति में थोड़े बदलावों के साथ फिर से लाया जा सकता है। नीति पास होती ही शराब की कीमतें बढ़ सकती हैं और अवैध शराब बिक्री पर कड़े दंड लगाए जा सकते हैं। उम्मीद कि इस बार पुरानी नीति को ही आंशिक संशोधन के साथ पेश किया जाएगा।
दिसंबर या जनवरी में पेश होती है आबकारी नीति
नए वित्तीय वर्ष के लिए सरकार दिसंबर या जनवरी में आबकारी नीति लाती रही है, लेकिन इस बार महाकुंभ की व्यस्तता के चलते अभी तक आबकारी नीति पेश नहीं की गई है। ऐसे में जल्दबाजी में सरकार नई आबकारी नीति में कोई बड़ा बदलाव किए बिना ही पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण को मंजूरी दे सकती है।
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सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व
आबकारी विभाग UP सरकार के सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में शामिल है। चालू वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश में आबकारी विभाग की तरफ से 29,000 शराब की फुटकर दुकानों के लाइसेंस दिया था। इनमें 6,700 अंग्रेजी, 16,400 देशी तथा 5,900 बीयर की दुकानों हैं। सरकार ने आबकारी विभाग को 58,310 करोड़ रुपये राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य दिया था, बीते दिसंबर तक विभाग ने 3983.22 करोड़ रुपये का राजस्व की वसूली हो चुकी है। विभाग वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक लक्ष्य को प्राप्त करने की उम्मीद कर रहा है। अब जल्द ही प्रदेश का नया बजट पास होने वाला है। इसे देखते हुए आबकारी विभाग नई आबकारी नीति बनाने में जुट गया है।