इंडिया न्यूूज,लखनऊ:
up Government school uniform स्कूली विद्यार्थियों के यूनीफार्म खरीद में किसी तरह की धांधली न हो इसके लिए यूपी सरकार ने एक अनूठा कदम उठाया है। इसके तहत विद्यार्थियों के अभिभावक ही अपने बच्चों की यूनीफार्म खरीदेंगे।
इसके लिए 1100 की धनराशि सरकार सीधे उनके बैंक खाते में डालेगी। हालात यह है कि बेसिक शिक्षा परिषद व सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 1.20 करोड़ छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के बैंक खाते में 1100 रुपये की धनराशि भेजी जा चुकी है। शेष 60 लाख से अधिक को धन भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है। अभिभावक इस धन से बच्चों के लिए यूनीफार्म, स्कूल बैग, जूते-मोजे व स्वेटर खरीद सकेंगे। विभाग हर जिले में बच्चों को मिलने वाली सामग्री की निगरानी करेगा।
up Government school uniform सरकार ने अभिभावकों को दिया ज्म्मिा
उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली बार प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त दी जाने वाली सामग्री खरीदने का जिम्मा अभिभावकों को सौंपा है। इससे उन्हें समय पर सारी सामग्री मिलेगी और उसकी गुणवत्ता पर सवाल भी नहीं उठेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्षों में स्वेटर आपूर्ति में देरी व जूते-मोजे व बैग आदि की गुणवत्ता सही नहीं मिली थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजे जाने की शुरूआत की थी। ज्ञात हो कि बैंक खाते में धन हस्तांतरण की प्रक्रिया पहले दो नवंबर को होनी थी इसीलिए विभाग ने 1.20 करोड़ का पहले चरण में चयन किया, बाकी का सत्यापन तीन चरणों में चल रहा था।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने बताया कि जिन बच्चों के अभिभावकों के खाते में धन पहुंच गया है वे तत्परता से संबंधित सामग्री खरीद करके बच्चों को स्कूल भेजे। यह कार्य प्राथमिकता पर किया जाए। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इसमें ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य व अन्य के साथ शिक्षा समिति की बैठक करके उन्हें सामग्री खरीदने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने बताया कि विद्यालय के शिक्षक की ओर से अपलोड डेटा की प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी पड़ताल करके भेजते हैं, तब मुख्यालय से संबंधित के खाते में धन भेजने का निर्देश बैंक को भेजा जा रहा है। यह कार्य इसी सप्ताह पूरा कर लिया जाएगा। बच्चे यूनीफार्म व स्कूल बैग आदि लेकर आ रहे हैं या नहीं इसकी जिलों में निगरानी होगी।
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