India News(इंडिया न्यूज़),UP Government: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब बिना रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर दौड़ रहे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को लेकर सख्त हो गई है। अब से ट्रैक्टर के साथ-साथ ट्रॉलियों और ट्रेलरों का भी रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। हर ट्रॉली और ट्रेलर पर उसका चार अंकों का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होगा। साथ ही उस पर 17 अंकों का चेसिस नंबर भी दर्ज होगा। जिससे उसके मालिक की पहचान आसानी से हो सकेगी।
यूपी सरकार ने ट्रैक्टर ट्रॉलियों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह फैसला लिया है। सरकार ने ट्रैक्टर, ट्रॉली और ट्रेलरों के रजिस्ट्रेशन और निर्माण में सड़क सुरक्षा मानकों को शामिल करते हुए नई मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी जारी की है। अब बिना सड़क सुरक्षा मानकों को पूरा किए ट्रॉलियां सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगी। ट्रॉली के निर्माण के समय निर्माण करने वाली कंपनी को मानकों का पालन करना होगा। मानकों को पूरा करने के बाद ही उसका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
निर्माण करने वाली कंपनी को एसओपी जारी
एसओपी के मुताबिक ट्रेलर और ट्रॉलियों के निर्माण में कई बातों का ध्यान रखना होगा। इनमें रिया और साइड अंडर प्रोटेक्शन डिवाइस, बैक लाइट फिटिंग और बैक लाइट को ट्रैक्टर से जोड़ना शामिल है। निर्माण करने वाली कंपनी को एक कोड दिया जाएगा, जिसके आधार पर उसके शहर, चेसिस नंबर और निर्माण वर्ष का पता चल सकेगा। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड 112 के मानकों के तहत चार मॉडल निर्दिष्ट किए गए हैं।
इनमें आर1, आर2, आर3 और आर4 शामिल हैं। इनमें से तीन मॉडल आर2, आर3 और आर4 कृषि के लिए पंजीकृत होंगे। अब किसी भी मॉडल की ट्रॉली में एक की जगह दो एक्सल होने चाहिए। आर2, आर3 में टायरों की संख्या चार और आर4 मॉडल में आठ टायर लगाए जाएंगे। आर2 ट्रॉली की अधिकतम चौड़ाई दो मीटर और आर3 व आर4 मॉडल की अधिकतम चौड़ाई 2.5 मीटर होगी
Bangladesh Navy in Pakistan: भारत के खिलाफ बांग्लादेश की एक और साजिश | Yunus | Shehbaz | India News