India News, (इंडिया न्यूज), UP News: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सियासी और जुबानी जंग छीड़ी हुई है। दरअसल, प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव भी आपस में एक मुद्दे को लेकर भीड़े हुए है और उनकी ये जंग सोशल मीडिया की जंग शुरू हो गई है।
मालूम हो कि दोनों नेताओं के बीच ये विवाद कांग्रेस का मयावती को विपक्षी गठबंधन इंडिया के साथ लेने पर हो रही है। इस पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस मुद्दे पर रविवार को प्रतिक्रिया देते सोशल मीडिया पर लिखा- कांग्रेस से बुआ हाथ न मिला लें, कहीं इसलिए तो बबुआ परेशान नहीं है।’
वहीं शिवपाल यादव ने केशव प्रसाद मौर्य पर पलटवार करते हुए लिखा-‘सरकारआपकी स्वयं के संगठन और सरकार में तो चल नहीं रही है, इसलिए संगठन और सरकार के दायित्व से इतर नजर बहुत पैनी रख रहे हैं। कहीं भाजपाई दंगल में बाहर कर दिए जाने की वजह से ‘दल और दिल’ बदलने का इरादा तो नहीं?’
अखिलेश यादव का जवाब
बता दें कि हाल ही में अखिलेश यादव बलिया के दौरे पर तभी उनसे गठबंधन में मायावती के शामिल होने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उसके बाद आप आश्वासन देंगे। आपमें से कौन बाद वाले को आश्वासन देगा? अखिलेश यादव के इस बयान पर मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया देते हुए जवाब दिया था।
मायावती ने क्या कहा
मायावती ने कहा था- अपनी और अपनी सरकार की खासकर दलित विरोधी आदतों, नीतियों और कार्यशैली आदि से मजबूर होकर सपा मुखिया को बसपा पर अनर्गल कटाक्ष करने से पहले अपने दिल में झांककर देख लेना चाहिए कि क्या वह ऐसा करने को तैयार हैं?’ बीजेपी को बढ़ने में मदद करें। और उनके साथ अपने संबंधों के मामले में वह कितना दागदार है। उन्होंने आगे कहा- ‘साथ ही संसदीय चुनाव जीतने से पहले और बाद में तत्कालीन सपा मुखिया द्वारा भाजपा को दिए गए आशीर्वाद को कौन भूल सकता है और फिर जब भाजपा की सरकार बनी तो उनके नेतृत्व में सपा नेतृत्व की मुलाकात को जनता कैसे भूल सकती है।’ ऐसे में उचित होगा कि सपा सांप्रदायिक ताकतों से लड़े।
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