India News(इंडिया न्यूज),UP News: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। इससे उत्तर प्रदेश में सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। वहीं, सहारनपुर में चुनावी समीकरण भी बदल गए हैं।
विपक्षी दलों ने बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए जिस मंशा से गठबंधन कर एकजुटता का आह्वान किया था वह बीएसपी सुप्रीमो मायावती के बयान के बाद बिखरता दिखाई दे रहा है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने स्पष्ट कर दिया कि बिना गठबंधन के अपने दम पर चुनाव लड़ेंगी। इस बयान के बाद जहां गठबंधन में बेचैनी बढ़ी है तो वहीं बीजेपी पदाधिकारी इससे खुश नजर आ रहे है। जिन्होंने अपने राजनीतिक समीकरण बैठाने शुरू कर दिए हैं।
पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी राय दी
- बीएसपी सांसद हाजी फजर्लुरहमान का कहना है कि इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोल सकता, लेकिन पार्टी को गठबंधन के साथ आना चाहिए।
- बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह सैनी का कहना है कि अनुसूचित वर्ग का पढ़ा-लिखा समाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद करता है। बीएसपी प्रत्याशी अलग आने बीजेपी को इसका फायदा होगा। हाल ही में हमने अनुसूचित बस्ती संपर्क अभियान चलाया। यह सब उसी का परिणाम है। इसके माध्यम से बीजेपी की नीतियां हर वर्ग तक पहुंचाने का काम किया गया।
- कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली का कहना है कि बीएसपी का चाहे जो फैसला हो, कांग्रेस हर बूथ स्तर तक मजबूती के साथ खड़ी है। अगर गठबंधन भी नहीं हुआ तो भी कांग्रेस प्रत्याशी को जीत मिलेगी। राजनीति में सब संभव है। यदि गठबंधन होता है तो वह भी निभाया जाएगा। अभी चुनाव में समय बाकी है।
- रालोद जिलाध्यक्ष राव कैसर का कहना है कि अगर सांप्रदायिक ताकतों का मुकाबला करना है तो सभी दलों को एक साथ आना होगा। इसी उद्देश्य के साथ इंडिया गठबंधन बना है। इस चुनाव से साबित हो जाएगा कि कौन इन ताकतों का मुकाबला करना चाहता है और कौन नहीं।
- वही आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष विशाल गौतम का कहना है कि अभी चुनाव में काफी समय है। राजनीति जैसे क्षेत्र में जिसमें सब कुछ संभव है।
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