India News ( इंडिया न्यूज़ ), UP News: बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक दानिश अली को पार्टी से निकाल दिया। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बसपा नेता दानिश अली की मृत्यु पार्टी विरोधी क्रांति में शामिल होने के कारण हुई। पार्टी का यह फैसला 9 दिसंबर से ही बीएसपी पर लागू हो गया।
इस संबंध में पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के अलावा भी कई कारण बताए जा रहे हैं, जिसके चलते दानिश अली पर यह कार्रवाई की गई। इन कारणों में सबसे प्रमुख था पार्टी के बाहर दूसरे आश्रमों के नेताओं के साथ उनका सूखा गठबंधन। इसी साल कुछ महीने पहले बीएसपी कम्युनिस्ट दानिश अली ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इस बैठक के बाद विभिन्न प्रकार के प्लॉट दिये गये।
क्या है वजह?
राजनीति के सिद्धांत कहते हैं कि दानिश अली इस बार बीजेपी के खिलाफ वंचितों को मैदान में उतारना चाहते हैं। इसी वजह से दानिश अली नीतीश कुमार के जरिए इंडिया एलायंस में अपनी जगह टिकट के दावेदारों को पेश करना चाहते हैं। इतना ही नहीं हाल के दिनों में दानिश अली की कांग्रेस नेताओं से नजदीकियां भी चर्चा का विषय बनीं।
खासकर कांग्रेस आलाकमान के साथ उनकी तस्वीरें भी सामने आईं। लेकिन तब मोहम्मद द्वितीय थे, दानिश अली की अभद्र टिप्पणी की मुस्लिम समुदाय में चर्चा हुई। बीजेपी को घेरने के लिए धार्मिक आश्रमों के नेता उनके साथ दिखे। खास बात यह है कि उस वक्त बसपा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। बाद में पार्टी ने न्यूनतम दावे की आलोचना भी की लेकिन यह महज औपचारिकता थी। इसके अलावा बताया जा रहा है कांग्रेस से लगातार दानिश अली की नजदीकियां बढ़ रही है।
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