UP Scrap Policy: उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप में भेजने का रास्ता साफ कर दिया है। योगी सरकार की कैबिनेट ने गाड़ियों की स्क्रैप पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। स्क्रैप पॉलिसी के तहत अब प्रदेश में स्क्रैप सेंटर खोले जा सकते हैं। जहां पर 15-20 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। योगी सरकार ने कहा कि 15 साल पुराने वाहनों का स्क्रैप करवाते हैं तो 20 फीसदी तक उनकी पैनल्टी पर राहत दी जाएगी। वहीं 20 साल से पुराने वाहनों को सरकार ने 75 फीसदी से अधिक रिबेट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
15-20 साल पुराने वाहनों की होगी स्क्रैपिंग
सरकार का स्क्रैप पॉलिसी के जरिए प्रदेश में 15 से 20 साल पुराने वाहनों को हटाने का मदसद है। जिससे प्रदूषण में भी कमी लाई जा सके। बता दें कि वाहनों की इस स्क्रैप पॉलिसी को केंद्र सरकार लेकर आई थी। जिससे 15-20 साल पुराने वाहनों का सड़को से हटाया जा सके। केंद्र की इस पॉलिसी को सभी राज्यों को पास कराना था। इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश सरकार ने आज इस पॉलिसी को कैबिनेट से अप्रूव कर दिया है। कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने इसकी जानकारी दी है।
यूपी पुलिस को बड़ा फायदा
कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खुद 5 हजार सरकारी वाहनों को स्क्रैप किया जा सकेगा। स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत सभी तरह के वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। जिसमें प्राइवेट, सरकारी और कमर्शियल वाहन भी शामिल होंगे। जिस स्क्रैप पॉलिसी को आज योगी सरकार ने मंजूदी दी है उसका बड़ा फायदा यूपी पुलिस को होने वाला है। क्योंकि यूपी के कई थानों में ऐसे वाहन हैं जो पिछले कई सालों से पड़े हुए हैं। मगर सरकार की कोई पॉलिसी नहीं होने की वजह से इन वाहनों को नष्ट करने का कोई तरीका नहीं था।
स्क्रैप पॉलिसी से हो सकते हैं ये फायदे
उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे वाहन हैं, जिनकी उम्र सीमा पूरी हो चुकी है। अब इस स्क्रैप पॉलिसी के चलते इन सभी वाहनों को नष्ट किया जा सकेगा। वहीं जानकारों के मुताबिक, पूरे देश में जब स्क्रैप सेंटर खुल जाएंगे, तो बड़ी संख्या में वाहनों को डिस्पोज होने के बाद मेटल के दामों में भी कमी होने की आशंका है। वहीं इस पॉलिसी के तहत ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
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