India News (इंडिया न्यूज), UP Toll Plaza Scam: लखनऊ STF ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई की है। STF की टीम ने मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर 120 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है। आरोपियों ने सॉफ्टवेयर के जरिए टोल वसूली की वास्तविक रकम छिपाकर धोखाधड़ी की। इस बड़े घोटाले में टोल प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही 42 अन्य टोल प्लाजा में भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
सॉफ्टवेयर का मास्ट मास्टरमाइंड
टोल प्लाजा घोटाले का मास्टरमाइंड आलोक MCA कर चुका है और सॉफ्टवेयर बनाने में माहिर है। आलोक पहले भी कई कंपनियों के लिए सॉफ्टवेयर बनाने का काम कर चुका है। इसी दौरान वह टोल प्लाजा का काम लेने वाले एक शख्स के संपर्क में आया। इसके बाद उसने टोल प्लाजा के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया और इस साजिश में शामिल लोगों की मदद से उसे टोल प्लाजा के कंप्यूटर में इंस्टॉल कर दिया।
जानें, क्या है पूरा मामला
यह सॉफ्टवेयर NHAI के सिस्टम की तरह ही काम करता था। इससे होने वाली कमाई टोल प्लाजा संचालकों और साजिश में शामिल अन्य लोगों में बांटी जाती थी। मिर्जापुर के अतरैला शिव गुलाम समेत दो सौ से अधिक टोल प्लाजा पर यह खेल खेला लगातार खेला जा रहा था। अतरैला शिव गुलाम से भारी मालवाहक ट्रक नेपाल, भूटान समेत अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में जाते थे। अकेले अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा से हर दिन लाखों रुपये का घोटाला हो रहा था।
3 आरोपी गिरफ्तार
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, घोटाले मामले में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पिछले तीन महीने से टोल वसूली की जिम्मेदारी संभाल रही शिवा बिलटेक और वहां काम करने वाले सभी कर्मचारी शक के दायरे में हैं। इसके मैनेजर राजीव मिश्रा और टोल कर्मी मनीष मिश्रा के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर सावन लाल को गिरफ्तार किया गया है। अब इस मामले की जांच तेज से की जा रही है।