उत्तर प्रदेश

Lucknow News : उत्तर प्रदेश कांग्रेस की खोया जनाधार वापस पाने की कोशिश, 14 जिलों के दौरे पर रहेंगे प्रदेश अध्यक्ष

INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़) Martand Singh, Lucknow News : उत्तर प्रदेश में अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने के लिए कांग्रेस पार्टी पूरा प्रयास कर रही है। यूपी में चुनावी जमीन मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने खाका तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस एक से पांच अगस्त तक संविधान बचाओ संकल्प सभा करने जा रही है। जिसमें यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी पश्चिम उत्तर प्रदेश के 14 जिलों का दौरा करेंगे। 2024 के लिहाज से देखें तो प्रदेश में कांग्रेस का यह पहला बड़ा कार्यक्रम है।

14 जिलों के दौरे पर रहेंगे प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी

यूपी में कांग्रेस अपनी खोई सत्ता को वापस पाने की कवायद में जुटी है। जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी इस अभियान की अगुवाई करेंगे। खाबरी एक से पांच अगस्त तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में जायेंगे। एक दिन में तीन जिलों में संविधान बचाओ संकल्प सभा का आयोजन होगा।
इस सभा के जरिए कांग्रेस लोगों को यह बताने की कोशिश करेगी कि भाजपा सरकार ने कौन से वादे पूरे किए और कौन से वादे पूरे नहीं किए।

गौरतलब है कि इन सम्मेलनों के जरिये कांग्रेस मणिपुर की घटना पर बीजेपी को घेरने की कोशिश भी करेगी। कांग्रेस थिंक टैंक का मानना है कि मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर बीजेपी की केंद्र सरकार बैकफुट पर है, और इसके सहारे कांग्रेस उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी को घेरकर माहौल बना सकती है। मणिपुर के मामले के सहारे कांग्रेस यूपी में अपनी जगह बनाने की कोशिश करेगी।

ये है प्रदेश अध्यक्ष का पूरा कार्यक्रम-

अगर इस पूरे कार्यक्रम के रूप रेखा की बात करे तो एक अगस्त को बुलंदशहर से संविधान बचाओ संकल्प सभा की शुरुआत होगी। इसी दिन गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में भी सभा होगी। दो अगस्त को मेरठ हापुर और बागपत में तीन अगस्त को सहारनपुर शामली और मुजफ्फरनगर चार अगस्त को संभल अमरोहा रामपुर में सभा होगी। जबकि पांच अगस्त को मुरादाबाद और बिजनौर में सभा का आयोजन किया जाएगा। इन पांच दिनों के दौरान प्रदेश अध्यक्ष 14 जिलों की जनता से इस अभियान के माध्यम से जुड़ेंगे।

80 सीटों को बांटा जाएगा तीन श्रेणी

कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन को वापस तलाशने में जुटी हुई है। इसको लेकर पार्टी अपने पुराने कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों से भी राय ले रही है। पिछले दिनों प्रदेश कार्यालय में जुटे विधानसभा चुनाव 2022 के उम्मीदवारों ने प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष बूथवार फीडबैक दिया। उनके फीडबैक के आधार पर अब 80 सीटों को तीन श्रेणी में बांटा जाएगा। प्रदेश में जातीय समीकरण के आधार पर भी उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर शीर्ष नेतृत्व को भेजा जाएगा।

300 से ज्यादा उम्मीदवारों ने लिया बेैठक में हिस्सा

प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी की अध्यक्षता में हुई विधानसभा उम्मीदवारों की बैठक में सियासी रणनीति भी तैयार की गई। प्रत्याशियों ने पूरे दमख़म से चुनाव लड़ने का संदेश दिया है। अध्यक्ष खाबरी अपने क्षेत्र में बूथवार मिले वोट का विवरण देते हुए जातीय गणित भी समझाया। बताया जा रहा है कि करीब 300 से ज्यादा उम्मीदवारों ने इस बैठक में हिस्सा लिया था। पिछले चुनाव में जिन विधानसभा क्षेत्र में बूथों पर सबसे कम वोट मिले हैं, उसकी वजह पर भी चर्चा हुई है। प्रत्याशियों ने समझाया कि जिन लोगों ने चुनाव हारने के बाद भी लगातार क्षेत्र में समय दिया है, उनके इलाके में कांग्रेस के हालात बदले हैं। पिछले एक महीने में विभिन्न दलों को छोड़कर कई नेताओ ने भी कांग्रेस का हाथ थामा है।

आग़ामी लोकसभा चुनाव की तैयारियां हुई तेज

लोकसभा 2024 की तैयारियों को तेज करते हुए निर्णय लिया गया है कि प्रदेश की 80 सीटों को तीन श्रेणी में बांटकर वोटबैंक, जातीय समीकरण और उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया जाएगा। उसके बाद इस रिपोर्ट को कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व को भेजा जाएगा। रिपोर्ट भेजने से पहले प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी खुद प्रथम श्रेणी की लोकसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। वह स्थलीय दौरा करके लोकसभा क्षेत्र से आने वाली रिपोर्ट का सत्यापन करेंगे, ताकि गठबंधन की नौबत आए तो ए श्रेणी की सीटें किसी भी कीमत पर न छोड़ी जाएं।

2017 और 2022 बंया करते हैं कांग्रेस के हार की कहानी

देश की सबसे पुराने राजनीतिक दल की उत्तर प्रदेश में दुर्दाशा की यह कहानी पुरानी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के सभी 399 प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 21,51,234 वोट मिले थे, जोकि कुल पड़े मतों का 2.33 प्रतिशत था।  इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिन्हें कुल 54,16,540 वोट मिले थे। कांग्रेस के हिस्से 6.25 प्रतिशत वोट ही आए थे। तब कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी। फिर 2022 के चुनाव में कांर्गेस अकेले ही अपने दम पर किस्मत आजमाने उतरी थी। जिसमे उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। वोटों प्रतिशत का अंतर कांग्रेस के घाटे को खुद ही बयां कर रहे थे। तो वहीं 2017 के निकाय चुनाव में कांग्रेस को 10 प्रतिशत मत मिले थे और वह भाजपा, सपा व बसपा से काफी पीछे रही थी।

2014 लोकसभा चुनाव का वोट प्रतिशत 7.53 रहा

अगर बात करें लोकसभा चुनावों की तो 2014 के चुनाव में कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं और पार्टी का वोट प्रतिशत 7.53 रहा था। 2019 लोकसभा में कांग्रेस के हाथ एक जीत ही लगी थी। यह भी साफ है कि हर चुनाव में कांग्रेस अपने खोए जनाधार काे लौटाने की कोई कारगर जुगत लगाने में नाकाम रही है।  2024 में आम चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में किस तरह का प्रदर्शन करेगी ये तो वक़्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल इतना तय है कि कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है।

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Itvnetwork Team

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