Hindi News / Uttar Pradesh / Varanasi News There Was A Lot Of Dancing Amidst The Burning Pyres This Tradition Has Been Going On For 350 Years You Will Be Shocked To Know The Reason Behind It

जलती चिताओं के बीच लगे जमकर ठुमके, 350 सालों से चली आ रही है ये परंपरा, पीछे की वजह जान आपके भी होश उड़ जाएंगे!

वाराणसी में कई आयोजन किए जाते हैं। इसी क्रम में यह अनूठी परंपरा भी सैकड़ों वर्षों से आयोजित की जा रही है। काशी के साथ-साथ दूर-दराज के जिलों और राज्यों से लोग अपने परिजनों के शवों का दाह संस्कार करने के लिए वाराणसी के दो प्रमुख घाटों मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर पहुंचते हैं।

BY: Ashish kumar Rai • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज)Varanasi News: वाराणसी को परंपराओं और मान्यताओं का शहर कहा जाता है। यहां होने वाले कई आयोजनों और परंपराओं से अक्सर पूरी दुनिया हैरान रह जाती है। इसी क्रम में चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं के बीच नगरवधु नृत्य करती हैं। मान्यता है कि इस स्थान पर जहां किसी व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाता है, वे नृत्य के माध्यम से बाबा मसान नाथ को अपनी भक्ति अर्पित करते हैं, ताकि उन्हें अगले जन्म में मोक्ष मिले। इस दिन बाबा मसान नाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना और आरती की गई और परंपरा के अनुसार जलती चिताओं के बीच नगरवधु ने भी नृत्य किया।

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जलती चिताओं के बीच हुआ जमकर नृत्य

धार्मिक नगरी वाराणसी में चैत्र नवरात्रि के दिन मणिकर्णिका घाट पर एक अनोखी परंपरा निभाई गई। इस दिन जलती चिताओं के बीच नगरवधु नृत्य कर रही थीं। वहां मौजूद लोग भी बड़े आश्चर्य से यह नजारा देख रहे थे कि जहां एक तरफ लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ नगरवधु नृत्य करके बाबा मसान नाथ को अपनी भक्ति अर्पित कर रही थीं। कहा जाता है कि इस प्रकार की परंपरा निभाने से नगरवधू को अगले जन्म में मोक्ष की प्राप्ति होती है। लोग इस दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में कैद करते भी नजर आए।

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सैकड़ों वर्षों से निभाई जा रही है परंपरा

वाराणसी में कई आयोजन किए जाते हैं। इसी क्रम में यह अनूठी परंपरा भी सैकड़ों वर्षों से आयोजित की जा रही है। काशी के साथ-साथ दूर-दराज के जिलों और राज्यों से लोग अपने परिजनों के शवों का दाह संस्कार करने के लिए वाराणसी के दो प्रमुख घाटों मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर पहुंचते हैं। ऐसे में चैत्र नवरात्रि की सप्तमी को होने वाले इस आयोजन को देखकर लोग हैरान हैं।

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