विकास दुबे एनकाउंटर की जांच रिपोर्ट होगी सार्वजनिक,सुप्रीम कोर्ट का आदेश

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली):सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि गैंगस्टर विकास दुबे की मुठभेड़ में हत्या की जांच आयोग की रिपोर्ट शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड कर सार्वजनिक प्लेटफार्म पर रखी जाए.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की पीठ ने भी राज्य सरकार को आयोग की सिफारिश पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है,यह निर्देश अदालत द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद दिया गया था कि रिपोर्ट में सिफारिशों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया है.

जुलाई 2020 में, शीर्ष अदालत ने मुठभेड़ की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बीएस चौहान की अध्यक्षता में एक जांच आयोग को हरी झंडी दे दी थी,दुबे और उनके सहयोगियों पर कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया गया था,बाद में उन्हें उसी साल 9 जुलाई को मध्य प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस हिरासत में ले लिया गया था.

दुबे को 10 जुलाई की सुबह राज्य पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश वापस ले जाने के दौरान एनकाउंटर में मार दिया गया था,अपनी हत्या से कुछ घंटे पहले, मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर कर गैंगस्टर के लिए सुरक्षा की मांग की थी,जिसमें उसकी “फर्जी मुठभेड़” में हत्या की आशंका थी,सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका सूचीबद्ध होने से पहले ही मुठभेड़ हुई.

याचिकाकर्ताओं ने दुबे और उनके सहयोगियों की मुठभेड़ में हुई हत्याओं की स्वतंत्र जांच की मांग की,जिनकी पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई,यूपी सरकार का कहना था कि दुबे एक मुठभेड़ में मारा गया था,जब उसने विशेष टास्क फोर्स की टीम पर गोली चलाई थी,जो उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी, जब वह उस वाहन से भागने की कोशिश कर रहा था जिसमें उसे उज्जैन से कानपुर ले जाया जा रहा था.

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) द्वारा एक अन्य लंबित मामले में भी इसी तरह की राहत की मांग करने वाला एक आवेदन दायर किया गया था, जिसमें जनवरी 2017 से मार्च 2018 तक उत्तर प्रदेश में हुई मुठभेड़ों पर सवाल उठाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली एक जांच समिति ने बाद में दुबे की हत्या के संबंध में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी,हालाँकि, इसने पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी जो दुबे को संरक्षण देते थे.

Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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