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wine : अब यूपी के आम, अमरुद, जामुन से बनेगी उम्दा वाइन, ओडीओपी की मिलेगी मदद

India News Editor • LAST UPDATED : September 28, 2021, 12:13 pm IST

अजय त्रिवेदी
इंडिया न्यूज, लखनऊ:

wine : उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाले आम, जामुन और अमरुद जैसे तमाम मौसमी फलों का इस्तेमाल उम्दा क्वालिटी की वाइन बनाने में किया जाएगा। सुला, गाडसन व गुड ड्राप सहित कई मशहूर देशी वाइन निर्माता कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में अपनी इकाई लगाने में रुचि दिखाई है। आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी का कहना है कि प्रदेश सरकार अपनी महत्वाकांक्षी वन डिस्ट्रिक वन प्राडक्ट (ओडीओपी) के तहत भी ऐसे जिलों को चिन्हित कर सकती है, जहां कोई खास फल बड़े पैमाने पर पैदा होता है। इन जिलों में वाइनरीज की स्थापना को ओडीओपी के तहत प्रोत्साहित किया जाएगा।
सेंथिल पांडियन ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओडीओपी जैसी महत्वाकांक्षी योजना के तहत ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जा सकता है, जहां फलों का उत्पादन तो अधिक मात्रा में होता है, पर उसका सदुपयोग पूरी तरह से नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि ऐसी जगहों पर भी वाइनरीज स्थापित किए जा सकेंगे।
प्रदेश में वाइन उत्पादक इकाइयों की स्थापना के लिए आल इंडिया वाइन प्रोड्यूशर एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित विभिन्न प्रदेशों की वाइन उत्पादक इकाइयों इंडो स्प्रिट, गाडसन आर्गेनिक्स फार्म, बरेली, गुड ड्राप सेलर, सुला विनियार्ड के प्रतिनिधियों ने अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी और आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी से मुलाकात की।
जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव, आबकारी ने कहा कि प्रदेश में सब-ट्रापिकल फलों जैसे आम, जामुन, कटहल, अमरूद, अंगूर, लीची, आंवला व पपीता आदि का अत्यधिक उत्पादन होता है, साथ ही फलों के समुचित भंडारण की सुविधा के अभाव में रख-रखाव न हो पाने से भारी मात्रा में फल शीघ्र खराब होते रहते हैं। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य दिलाने के लिए वाइनरी की स्थापना मददगार साबित होगी।

वाइनरी स्थापित करने संबंधी नियमावली पहले 1961 व फिर 2001 में बनी थी (wine)


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में वाइनरी स्थापित करने संबंधी नियमावली पहले 1961 व फिर 2001 में बनाई गी थी। हालांकि इसके बाद भी प्रदेश में एक भी वाइन उत्पादन की इकाई की स्थापना नहीं हो सकी, जबकि महाराष्ट्र के पुणे व नासिक में इनकी तादाद दर्जनों में है। संजय भूसरेड्डी ने बताया कि वहां की वाइनरी के लिए   फल उत्पादक किसानों से उचित दामों पर खरीदकर वाइन का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति 2020-21 में वाइन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जिसमें उन्हें बाजार दिलाना व निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाएं शामिल हैं।
आल इंडिया वाइन प्रोड्यूसर एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश होलकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के फल उत्पादक किसान और आबकारी अधिकारियों की टीम को नासिक में वाइन निर्माण की प्रक्रिया का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में वाइन की बिक्री व उपभोग संबंधी जानकारी भी साझा की।

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