India News UP(इंडिया न्यूज़),Maulana Madani on Sambhal Controversy: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने यूपी के संभल जामा मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान पुलिस फायरिंग में तीन मुस्लिम युवकों की मौत और हिंसा पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने इस घटना के लिए राज्य सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद किसी भी दल की हिंसा का समर्थन नहीं करती, हालाँकि पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अन्यायपूर्ण बल्कि भेदभावपूर्ण है, जिससे निर्दोष लोगों की जानें गईं हैं। उन्होंने कहा कि संविधान हर नागरिक को समानता, सम्मान और सुरक्षा का अधिकार देता है। अगर कोई सरकार किसी समुदाय के जीवन और संपत्ति को कमतर समझती है, तो यह संविधान और कानून का उल्लंघन है।

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मौलाना मदनी ने की ये बड़ी मांग

उन्होंने चेतावनी दी थी कि मस्जिदों में मंदिर खोजने की कोशिशें देश के शांति और सौहार्द के लिए खतरनाक हैं। मौजूदा घटना ने इस दृष्टिकोण को सत्यापित किया है। संभल में पहले दिन मुसलमानों ने सर्वे टीम के साथ सहयोग किया था, वहीँ आज जब टीम जा रही थी, तो उनके साथ मौजूद कुछ लोगों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे इस तरह की हिंसा हुई। मदनी ने ये भी सवाल उठाया कि प्रशासन ने ऐसे लोगों को मस्जिद में जाने और उकसाने की अनुमति क्यों दी?

अदालत के तत्काल सर्वे आदेश पर उठाया सवाल

मौलाना मदनी ने अदालत के तत्काल सर्वे आदेश पर भी सवाल उठाया, जिसे उन्होंने धार्मिक स्थलों की संवेदनशीलता और न्यायिक प्रणाली के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि संविधान धार्मिक स्थलों की 1947 की स्थिति की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, और इसे राजनीतिक मकसदों के लिए बदलने की कोशिश देश की एकता के लिए खतरनाक है। आगे मदनी ने प्रशासन से शांति और सामाजिक सद्भाव को प्राथमिकता देने की अपील की। साथ ही जमीयत प्रमुख ने कोर्ट की निगरानी में घटना की निष्पक्ष जांच, दोषी अधिकारियों को सजा, और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की।

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