INDIA NEWS (DELHI): उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में जमीन धंसने का खतरा बढ़ता जा रहा है। यहां के 9 इलाकों में कुल 568 ऐसे मकान हैं, जहां के जमीन में दरारें आ गई हैं। वहा के लोग परेशान और डरे हुए है।

सरकार ने एनटीपीसी के प्रोजेक्ट का काम भी बन्द कर दिया है।

आज मतलब ‘6 दिसम्बर ‘ को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। आपको बता दें कि उत्तराखंड के मशहूर पर्यटन स्थल जोशीमठ पर इन दिनों अस्तित्व का संकट छाया हुआ है। यहां कई जगहों पर जमीन धंसने लगे है और घरों की दीवारों में भी दरारें आने लगी है।

लोगो के अंदर इस दुर्घटन से हड़कंप मचा हुआ है। उनको डर है की कहि उनका घर ना गिर जाये। लोग इस डर से घर से बाहर सुरछित स्थान पर जाने की कोशिश कर रहे है।

जोशीमठ के 561 घरों में आईं दरारें

अभी ताज की जानकारी के अनुसार, जोशीमठ नगर क्षेत्र के कुल 568 घरो में दरारें आ गई हैं। इसके साथ ही 2 होटल को सुरक्षा की नजर से बंद कर दिया गया है। साथ ही अब तक 38 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज देहरादून में चमोली जिले के जोशीमठ में मकानों में आई दरारों को लेकर एक बैंठक करने वाले है। इस बैंठक में आपदा, सिंचाई एवं गृह विभाग के अधिकारियों के अलावा आयुक्त गढ़वाल मंडल व डीएम चमोली भी रहेंगे।

उत्तराखंड के ऐतिहासिक और धार्मिक शहर जोशीमठ में जमीन के धंसने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। साल 2022 के नवंबर में जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण घरों में दरारें आने लगी थी। लेकिन खतरा और बढ़ गया है। जमीन के अंदर से जगह-जगह पर पानी निकल रहा है।

जिसकी वजह से वहा के लोग डरे हुए और परेशान है। उत्तराखंड सरकार भी इस बात से परेशान है और आज इस बात को लेकर आज सरकार की बैंठक भी होनी है।

मीडिया जानकारी के मुताबिक, जोशीमठ के मारवाड़ी इलाके में पिछले दो महीने से जमीन फटने की घटनाएं सामने आ रही थीं। इसके पहले ऐसे ही केदारनाथ में भी दुर्घटना हुए थी। जिससे बहुत लोगो की जान गयी थी। इसके साथ ही लोगो को अपना घर छोड़ना पड़ा था।