Buddhist Religious Leader Dalai Lama
इंडिया न्यूज, धर्मशाला:
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा आजकल धर्मशाला में अपने निवास स्थान पर विश्राम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह जीवन के अंतिम दिन धर्मशाला में ही गुजारना चाहते हैं, क्योंकि यहां मुझे पूरी आजादी है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्मों का सम्मान होता है और सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं। इसीलिए मैं अपना शेष जीवन इसी पावन धरती पर जीना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मेरी अंतिम सांस भी धर्मशाला में ही निकले इस बात का जिक्र वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी कर चुके हैं।
बता दें कि बौद्ध गुरु को लेकर चीन कई पाबंदियों लगा चुका है। इस कारण महान बौद्धिष्ठ कई सालों से भारत में ही रह रहे हैं। यहां तक कि उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा भी दी गई है। बुजुर्ग हो चुके धर्म गुरु के स्वास्थ्य के लिहाज से धर्मशाला सबसे उत्तम स्थान है। क्योंकि यहां की आबोहवा व यहां की भौगोलिक परिस्थितियां दलाई लामा के लिए अनुकूल हैं।
बफीर्ले पहाड़ के बीच घिरे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में कई खूबियां हैं जो हर किसी को अपनी ओर खींचती हैं। यहां का मौसम सदैव ही सुहावना और मन मोहने वाला होता है। इसलिए कोई भी व्यक्ति यहां आता है तो यहीं आशियाना बनाने के सपने देखने लगता है। क्षेत्र में कई झीलें भी हैं जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। वहीं देवदार के लंबे घने वृक्ष हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
वातावरण में इतनी शुद्धता है कि मानो धरती पर स्वर्ग है तो बस यहीं है। ऐसे में धर्म गुरु दलाई लामा को यह जगह अत्यधिक अच्छी लगती है। उन्होंने कहा कि मेरे सिद्धांतों के हिसाब से भारत सबसे उत्तम जगह है। क्योंकि यहां अनेकों धर्म सदभावना से रहते हुए शांतिपूर्वक जीवन जीते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भारत की आंतरिक शांति के लिए हर संभव प्रयास करता रहूंगा।
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