India News (इंडिया न्यूज),Dehradun News: उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून और मूल निवास की मांग को लेकर मंगलवार से प्रस्तावित आमरण अनशन के चलते शहीद स्मारक पर तनावपूर्ण माहौल बन गया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी को पुलिस ने शहीद स्मारक के गेट पर रोकते हुए गेट पर ताला जड़ दिया। इसके बावजूद डिमरी ने स्मारक के बाहर ही भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है।
जमीनों का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करें- समिति
समिति का कहना है कि उत्तराखंड में भूमि कानूनों में हुए संशोधनों को रद्द किया जाना चाहिए। साथ ही, निवेश के नाम पर दी गई जमीनों का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए। आंदोलन को महिला मंच, राज्य आंदोलनकारी मंच सहित कई अन्य संगठनों का समर्थन मिला है।
संशोधनों को रद्द करने की मांग
मोहित डिमरी ने राज्य सरकार पर गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भूमि कानून में किए गए संशोधनों को 2018 के बाद अध्यादेश के जरिए रद्द किया जाए। साथ ही, नगरीय क्षेत्रों में शामिल किए गए 400 से अधिक गांवों को फिर से ग्रामीण क्षेत्र में शामिल किया जाए, क्योंकि इन बदलावों से 50 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है।
मूल निवासियों के अधिकारों की बहाली पर जोर
समिति ने मांग की है कि मूल निवासियों को 90 प्रतिशत नौकरियों और सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता दी जाए। महिला मंच की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट और वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मोहन सिंह रावत ने राज्य के सपनों को साकार करने के लिए शहीदों के बलिदान का उल्लेख करते हुए सरकार से मूल निवासियों के अधिकार सुनिश्चित करने की अपील की। आंदोलन को पूर्व सैनिक संगठन, महिला मंच, उत्तराखंड संयुक्त आंदोलनकारी मंच, और कई अन्य संगठनों का समर्थन मिला है, जिससे यह आंदोलन और अधिक प्रभावी होता नजर आ रहा है।
Arvind Kejriwal News: संविधान दिवस पर केजरीवाल ने दिलाई संविधान की अहमियत की याद, दिया बड़ा बयान