स्वामी रामभद्राचार्य ने मोहन भागवत के बयान पर जताई नाराजगी

India News (इंडिया न्यूज), Chitrakoot:जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान को लेकर असहमति जाहिर की है। उन्होंने इसे व्यक्तिगत राय बताते हुए कहा कि यह बयान सही नहीं है। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, “संघ का निर्माण ही हिंदुत्व के आधार पर हुआ है। जहां-जहां मंदिर या उनके अवशेष मिल रहे हैं, वे हिंदुओं को ही मिलेंगे। लेकिन जहां अवशेष नहीं हैं, वहां कोई दावा नहीं किया जाएगा।”

संभल के मंदिर-मस्जिद विवाद से तनाव

उत्तर प्रदेश में हाल ही में मंदिर-मस्जिद विवादों ने सामाजिक और राजनीतिक माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। संभल जिले में इस मुद्दे पर सांप्रदायिक हिंसा में चार लोगों की जान चली गई। विपक्ष ने इन घटनाओं को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।

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भागवत ने दिया सद्भाव पर जोर

19 दिसंबर को एक व्याख्यान में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने समावेशी समाज की वकालत की। उन्होंने कहा, “हमारी बातें सही और दूसरों की गलत, ऐसा रवैया नहीं चलेगा। भारत को विश्वगुरु बनने के लिए यह दिखाना होगा कि अलग-अलग विचारधाराओं के लोग मिलजुल कर रह सकते हैं।”

नए विवाद की संभावना

स्वामी रामभद्राचार्य की तीखी प्रतिक्रिया ने इस संवेदनशील मुद्दे पर बहस छेड़ दी है। पहले से तनावपूर्ण माहौल में इन बयानों ने नई चुनौतियां खड़ी कर दी है राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरएसएस के सॉफ्ट हिंदुत्व के रुख और परंपरावादी संतों की विचारधारा के बीच बढ़ते मतभेद सामाजिक और राजनीतिक ध्रुवीकरण को और तेज कर सकते हैं।