इंडिया न्यूज:
Panchkedar In Uttarakhand : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव प्रमुख देवों में से एक हैं। फिर चाहे वह आदि पंच देवों की बात हो या त्रिदेवों की भगवान शंकर इन सभी में आते हैं। दरअसल जहां जीवन की उत्पत्ति का श्रेय ब्रह्मा को दिया जाता है, वहीं उत्पन्न जीवों को पालने का दायित्व श्री हरी विष्णु और अंत में इनके संहार का दायित्व भगवान शिव का माना गया है।
वहीं स्कन्द पुराण में मानस खंड और केदारखंड के रूप में उत्तराखंड का उल्लेख किया गया है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार पहले गढ़वाल क्षेत्र को तपोभूमि स्वर्गभूमि और केदारखंड के नाम से पुकारा जाता था। उत्तराखंड के आद्य इतिहास के स्रोत पौराणिक ग्रंथ ही हैं।
उत्तराखंड में शिवजी के पांच पौराणिक मंदिरों का एक समूह है, जिसे पंचकेदार के नाम से जाना जाता है। कहते हैं इन मन्दिरों का निर्माण पाण्डवों ने किया था। इस समूह में केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर महादेव मंदिर शामिल है।
कल्पेश्वर मंदिर को छोड़कर शेष चारों मंदिर शीतकाल में भक्तों के लिए बंद रहते हैं। क्योंकि यहां का वातावरण काफी ठंडा हो जाता है और ये मौसम इंसानों के लिए प्रतिकूल रहता है। यहां समय-समय पर बर्फबारी भी होती है। आइए जानते हैं इन मंदिरों के नाम और ये कहां स्थित हैं।
श्री केदारनाथ मंदिर : केदारनाथ की भूमि को स्वर्ग के समान माना गया है। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार नर और नारायण ऋषि ने कठोर तपस्या की थी। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट होकर सदैव के लिए इस स्थान पर निवास करने लगे। यह मुख्य मंदिर है जहां पर ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग के रूप में शिवजी विराजमान हैं और उनकी पूजा होती है।
ऋषिकेश से 229 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 16 किलोमीटर पैदल चलना होता है। यह समुद्र तल से 11746 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस तीर्थ में गंगा, मधुवर्णा, क्षीरवर्णा, श्वेतवर्णा, सुचिवर्णा धाराओं में प्रवाहमान होती रही है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में यह स्थान आता है। कहते हैं कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का आधा भाग यहां केदारनाथ में है और आधा नेपाल के पशुपतिनाथ में है।
मदमहेश्वर : मदमहेश्वर दूसरा केदार है। शिव के मध्यभाग के दर्शन के कारण इसे मदमहेश्वर नाम मिला। यहां मौजूद शिवलिंग की आकृति नाभि के समान ही है। यहां जाने के लिए रुद्रप्रयाग से केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से ऊखीमठ पहुंचना होता है।
ऊखीमठ से उनियाणा गांव तक मोटर मार्ग से पहुंचा जाता है। इसके बाद रांसी गौंडार गांव से 10 किलोमीटर की चढ़ाई पार कर भगवान मदमहेश्वर के मंदिर तक पहुंचना होता है। यहां के लिए दूसरा मार्ग गुप्तकाशी से भी है, जहां से कालीमठ तक वाहन से जाने के बाद आगे पैदल चढ़ाई करनी होती है।
तुंगनाथ : तुंगनाथ तृतीय केदार माना जाता है। महिष रूप में शिव का यहां नाभि से ऊपर और सिर से नीचे का भाग यानि धड़ प्रतिष्ठित माना जाता है। ग्रीष्मकाल में ही तुंगनाथ की पूजा होती है। शीतकाल में यहां की चल विग्रह मूर्ति मुक्कूमठ ले जाई जाती है। जहां शीतकाल में पूजा होती है।
तुंगनाथ को जाने के लिए दो मार्ग हैं, एक ऊखीमठ से चोपताधार तक मोटर मार्ग से जाकर वहां से तीन किलोमीटर की चढ़ाई तय की जाती है। तो दूसरा गोपेश्वर मंडल होते हुए चोपताधार तक जाता है। वहां से फिर चढ़ाई चढ़नी होती है।
रुद्रनाथ : चतुर्थ केदार रुद्रनाथ है जहां भगवान शिव के मुखाकृति के दर्शन होते हैं। इसे पितरों का तारण करने वाला श्रेष्ठ तीर्थ माना जाता है। कहा जाता है कि रुद्रनाथ तीर्थ में ही देवर्षि नारद ने भगवान शंकर को कनखल (हरिद्वार) में दक्ष प्रजापति द्वारा यज्ञ कराने के दौरान देवी सती के दाह की सूचना दी थी।
भगवान रुद्रनाथ यहां गुफा में विराजते हैं। रुद्रनाथ पहुंचने के लिए पहला मार्ग गोपेश्वर के ग्राम ग्वाड़-देवलधार, किन्नखोली-किन महादेव होते हुए, दूसरा मार्ग मंडल चट्टी-अत्रि अनुसूइया आश्रम होते हुए, तीसरा मार्ग गोपेश्वर सगर ज्यूरागली-पण्डार होते हुए, चौथा मार्ग ग्राम देवर मौनाख्य- नौलाख्य पर्वत पंडार खर्क होते हुए जाता है।
कल्पेश्वर : पंचवां केदार कल्पेश्वर है जहां महर्षि रूप में भगवान शिव का यहां जटाजूट प्रतिष्ठित हुआ। यह तीर्थ उर्गम गांव में हिरण्यावती नदी के पास है। यहां पहुंचने के लिए हेलंग चट्टी से पैदल जाना होता है।
अलकनंदा पुल पार कर लगभग 7 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय कर यहां पहुंचा जाता है। इस तीर्थ की उत्पत्ति देवराज इन्द्र को ऋषि दुवार्सा के श्राप से मुक्ति के लिए कल्पवृक्ष की प्राप्ति से जुड़ी है। शिव तप के बाद इंद्र को भगवान ने कल्पवृक्ष दे दिया, इसीलिए इसका नाम कल्पेश्वर पड़ा।
Read Also :Amazing Story नागिन की मौत का इंसाफ मांगने थाने पहुंचा नाग, उड़े होश
Contents:Как определить разворот тренда на ФорексТест стратегии форекс «Лимитка»: +95,14% по GBP/USD за 12 месПример…
Navratri 2022 9th Day Maa Siddhidatri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: नवरात्र…
Contents:Selling your item to BuyBackWorld is as easy as…GoPro swings to a surprise profit but…
Contents:India DictionaryProject Finance & Structuring SBUTop Reasons to Start Investing at an Early AgeManaging money…
Sonia Gandhi Meet Opposition parties : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को वीडियो…
Bollywood Actress Troll : 2018 में फिल्म लवयात्री से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस…